इन पार्टियों ने आरोप लगाया कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करके और पेट्रोल, डीजल, केरोसीन तथा रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि करके कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने जनता को 'एक और क्रूर झटका' दिया है।
वामदलों द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक बयान में कहा गया, ''खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाने के विरोध में यह बंद आयोजित किया गया है। बढ़ती कीमतों से जनता परेशान है।''
वामदलों ने कहा कि खाद्य महंगाई की दर 17 प्रतिशत पर पहुंचने और महंगाई दर के दोहरे अंकों में होने के बावजूद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने असंवेदनशील तरीके से तेल की कीमतों में वृद्धि करके लोगों के बोझ को और बढ़ा दिया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि हड़ताल सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक रहेगी। पानी, दूध, बिजली, अस्पताल और आपात सेवाओं सहित सभी आवश्यक सेवाएं इस हड़ताल से मुक्त रहेंगी।
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