भारतीय मूल के वैज्ञनिकों ने टमाटर की ऐसी प्रजाति तैयार करने का दावा किया है जो हफ्ते भर बाद भी तरोताजा रहती है।
द प्लांट जर्नल में प्रकाशित खबर में बताया गया कि अवतार हांडा की अगुवाई में पुरडयू विश्वविद्यालय के एक दल ने अपनी खोज में पाया कि खमीर के एक जीन को टमाटर में जोड़ देने से उसकी उम्र ढलने की रफ्तार कम हो जाती है।
हांडा ने बताया कि हम पौधों की उम्र को रोक सकते हैं और टमाटर के जीवन को एक हफ्ते तक बढा सकते हैं। यह दूसरे फलों पर भी लागू हो सकता है।
सभी जीवित कोशिकाओं में एक कार्बनिक पदार्थ पाया जाता है जिसे स्पर्मिडाइन कहते हैं। यह एक पोलीएमीन होता है और इसके बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। अमेरिकी कृषि विभाग के ए मटटू ने बताया कि कम से कम सौ जीनों को पोलीएमीन नियंत्रित करते हैं। स्पर्मिडाइन उम्र कम करने में सहायक होते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इसके और क्या रोल हो सकते हैं।
2 टिप्पणियां:
वाह वैज्ञानिकों को इस उप्लब्धि पर बधाई । बस एक और अविष्कार कर लें कि ,किसी तरह से वो सस्ती भी रहें :)
बढ़िया है जानकारी!
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