सचिन तेंडुलकर की आत्म कथा"तेंडुलकर ओपस" !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 21 जुलाई 2010

सचिन तेंडुलकर की आत्म कथा"तेंडुलकर ओपस" !!


क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर के करोड़ों दीवानों के लिए यह खबर चौंकाने वाली हो सकती है कि उनके प्रिय क्रिकेटर के जीवन पर लिखी किताब की चुनिंदा 10 प्रतियों पर उनके खून के छींटे होंगे, जिनमें से प्रत्येक की कीमत पौने 34 लाख रुपए होगी। इनकी बिक्री से प्राप्त कुल 3 करोड़ 75 लाख रुपए स्कूल निर्माण में लगी सचिन की चैरिटेबल संस्था को दिए जाएँगे।

सचिन की आत्मकथा 'तेंडुलकर ओपस' के इस विशेष संस्करण की 10 प्रतियाँ प्रकाशित होंगी, जिन पर सोने की पत्ती जड़ी होगी। इस 852 पन्नों वाली किताब का सस्ता संस्करण भी तैयार किया जा रहा है लेकिन इसकी कीमत भी 90 हजार से सवा लाख रुपए के बीच होगी। इस सस्ते संस्करण की एक हजार प्रतियाँ ही छापी जाएँगी।

इसके साथ ही सचिन ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए हैं, जिनकी आत्मकथा 'ओपस' के जरिए प्रकाशित हो रही है। विलासी और चमक-दमक भरी किताबों के प्रकाशक 'क्रेकन मीडिया' इससे पहले फुटबॉल के सुपर स्टार डिएगो मेराडोना, ड्रीम कार फेरारी, पॉप संगीत के बादशाह माइकल जैक्सन, इंग्लिश प्रीमियर लीग की फुटबॉल टीम मैनचेस्टर यूनाइटेड और दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज खलीफा पर यह प्रयोग कर चुका है।

इस किताब के हस्ताक्षर पृष्ठ के लिए सचिन के खून से युक्त लुगदी का कागज बनाया जाएगा और उनके डीएनए प्रोफाइल पर केंद्रित पन्ना भी इसमें जोड़ा जाएगा। कुछ पन्नों में सचिन के जिंदगी की ऐसी दुर्लभ तस्वीरें प्रकाशित होंगी, जो अब तक कहीं नजर नहीं आई हैं।

क्रिकेट के बाजार में सबसे महँगे ब्रांड रहे सचिन की जिंदगी पर यह किताब उनके ब्रांड की तरह ही इतनी महँगी है कि इसे खरीदना तो दूर, आम प्रशंसकों के लिए इसके बारे में सोचना भी मुश्किल है।

क्रेकर्न मीडिया के मुख्य कार्यकारी कार्ल फ्लावर ने कहा कि हस्ताक्षर पृष्ठ में सचिन का खून मिला होगा। पन्ने की लालिमा इससे सचिन का खून झलकाएगी। उन्होंने साथ ही कहा कि इसे खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं और यह हर किसी को पसंद भी नहीं आएगा। कुछ लोगों को यह बेतुका भी लग सकता है।

सचिन की लोकप्रियता का हवाला देते हुए फ्लावर ने कहा कि सच तो यह है कि करोड़ों प्रशंसकों के लिए सचिन भगवान जैसे हैं, इसलिए हमने सोचा कि उन्हें अनोखे तरीके से इस प्रकाशित स्वरूप में लाया जाए। क्या कोई अपने भगवान के इतना करीब भी हो सकता है।

किताब को अगले साल भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में होने वाले विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट से पहले फरवरी में प्रकाशित करने की योजना है। फ्लावर ने कहा कि हम इसे फरवरी में प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं। यह सबसे मुफीद समय है क्योंकि तब भारत में विश्व कप का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि सचिन की आत्मकथा पहले नहीं आई है। उनके पास कहने को बेहद लाजवाब कहानी है। (वार्ता)

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