दोहे और उक्तियाँ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 20 जुलाई 2010

दोहे और उक्तियाँ

स्वयम को सही मानने का स्वभाव और सही ठहराना
साथ- साथ चलते है। यह बहुत खतरनाक आदत है।
जब तक मनुष्य का स्वयम को सही मानने
और ठहराने का स्वभाव रहेगा, वह ध्यान और
आध्यात्मिकता की ओर नही बढ सकता।
- स्वामी शिवानानद -

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