रिजर्व बैंक के प्रमुख अधिकारी मंगलवार को वाणिज्यिक बैंकों से मिलेंगे। बैठक में नकदी, महंगाई और भावी योजनाओं पर बात हो सकती है। आरबीआई नए बैंकों के लाइसेंस के बारे में भी मसौदा निर्देश की घोषणा कर सकता है।
पिछली बार 2 जुलाई को आरबीआई ने रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा किया था। हालांकि मंदी के दौरान अक्टूबर 2008 से अप्रैल 2009 के बीच शीर्ष बैंक ने रेपो दरों में 425 आधार अंकों की कटौती भी की थी।
कीमतों में बढ़ोतरी अब ज्यादा आम और व्यापक हो चुकी हैं। शुरू में ये खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से थीं। अर्थशास्त्रियों और बैंकरों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक दरों में सोचा-समझा इजाफा जारी रखेगा, ताकि बढ़ोतरी का असर न हो।
सर्वेक्षण में शामिल एक दर्जन के करीब अर्थशास्त्रियों, बैंकरों और डीलरों ने कहा कि रिजर्व बैंक रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है। एक आधार अंक एक फीसदी अंक के सौंवे हिस्से के बराबर होता है। पहले 2 जुलाई को रेपो दर को बढ़ाकर 5.5 फीसदी तक की गई थी।
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