संसद ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रस्ताव को गुरूवार को बिना चर्चा मंजूरी दे दी। महंगाई के मुद्दे पर लोकसभा में विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए आसन के सामने आ गए जबकि राज्यसभा में भी सदस्यों ने लगातार नारेबाजी की।
शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों ने झारखंड में राष्ट्रति शासन लगाने के प्रस्ताव को बिना चर्चा के मंजूर करा दिया। राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने यह प्रस्ताव पेश किया जबकि लोकसभा में गृह राज्य मंत्री अजय माकन ने इसे पेश किया। झारखंड में इस साल एक जून से राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और भाजपा ने राज्य में सरकार बनाने के प्रयास छोड दिए थे। भाजपा के झारक्षंड में 18 विधायक हैं जबकि जद-यू के दो। लोकसभा में 27 अप्रैल को शिबू सोरेन की ओर से विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के बाद भाजपा ने राज्य की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। झारखंढ की 81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 42 विधायकों का समर्थन आवश्यक है। कांग्रेस के 14 और इसकी सहयोगी झारखंड विकास मोर्चा के 11 सदस्य हैं।
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