सीबीआई ने गुजरात के गृह राज्य मंत्री अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में उसके समक्ष गुरूवार को उपस्थित होने का समन भेजा है। सीबीआई के आईजी पी कंदास्वामी ने बताया कि शाह को सीबीआई के समक्ष आज गांधीनगर कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
शाह हाल ही केबिनेट की बैठकों में नहीं गए हैं तथा अपने कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं। बुधवार को भी हुई कैबिनेट की बैठक में वे नहीं गए। वहीं सूत्रों ने बताया कि सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने शाह के शामिल होने के सबूत एकत्र कर लिए हैं और उन्हें अब किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। सुप्रीमकोर्ट ने इस मुठभेड़ की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के प्रमुख अभय चूडासमा को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई 26 जुलाई को चूडासमा के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर सकती है। चूडासमा पर आरोप है कि वे आतंकवाद के खिलाफ ल़डाई के नाम पर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे कथित गोरखधंधे का हिस्सा थे।
इससे पहले इस मामले की जांच कर रही सीआईडी (क्राइम) ने आईपीएस अधिकारियों गुजरात के डीजी वंजारा, राजकुमार पांडियान और राजस्थान के दिनेश एमएन को गिरफ्तार किया था। सीआईडी (क्राइम) ने सुप्रीमकोर्ट के समक्ष स्वीकार किया था कि यह मुठभे़ड फर्जी थी और सोराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी की हत्या गुजरात पुलिस ने की थी। इस मामले में गुजरात व राजस्थान के कुल 14 पुलिसकर्मी जेल में हैं। अब सीबीआई के पास वे फोन रिकॉर्ड है जो 26 नवंबर 2005 को हुई इस मुठभेड़ के समय और सितंबर 2006 में कौसर बी के लापता होने के बाद सोराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन द्वारा दायर की गई याचिका के बाद शाह ने पांडियन व वंजारा को किए थे। हाल ही सीआईडी (क्राइम) को जो इससे संबंधित तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले की जांच कर रही है, को भी वे फोन कॉल रिकॉर्ड्स मिल गए हैं जो 28 दिसंबर 2006 को हुई तुलसीराम की हत्या के आस-पास शाह द्वारा पांडियन व वंजारा को किए गए थे। सोराबुद्दीन मामले में प्रजापति एकमात्र गवाह था।
पिछले कुछ समय से ऎसी खबरें आ रही हैं कि सीबीआई रथ यात्रा के बाद गुजरात के कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के साथ शाह को गिरफ्तार कर सकती है। शाह भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली के काफी संपर्क में रहे हैं। अगर शाह की गिरफ्तारी होती है तो भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इसके खिलाफ अभियान छेडने के लिए तैयार है। हालांकि मामले की जांच का आदेश सुप्रीमकोर्ट ने दिया है लेकिन भाजपा इस मुद्दे को यह कह हवा देना चाहती है कि यूपीए सरकार सीबीआई का इस्तेमाल अपने विरोधियों के खिलाफ कर रही है। हालांकि सबसे अहम बात यह है कि क्या सीबीआई के पास शाह के खिलाफ कोई और सबूत है।
वहीं सीबीआई सूत्रों का कहना है कि गवाहों के दर्ज किए गए बयानों में मंत्री के खिलाफ उनके शामिल होने के कई संदर्भ हैं। इसके अलावा चुडासमा द्वारा एक गवाह को धमकाते हुए कैमरे में कैद किया गया है। गवाह को धमकी दी जा रही है सीबीआई के सामने वह मंत्री का नाम नहीं ले।
1 टिप्पणी:
... सार्थक अभिव्यक्ति!!!
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