मुरली के ऐतिहासिक टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 22 जुलाई 2010

मुरली के ऐतिहासिक टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार.

इतिहास के महानतम गेंदबाज श्रीलंका के विश्व रिकॉर्डधारी स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने 800 विकेट पूरे करने के साथ-साथ अपने विदाई टेस्ट में भारत के खिलाफ अपनी टीम को शाही अंदाज में दस विकेट की शानदार जीत दिलाकर टेस्ट क्रिकेट को एक विजेता के रूप में अलविदा कह दिया।

श्रीलंका ने भारत से पहला क्रिकेट टेस्ट आज पाँचवे और अंतिम दिन दस विकेट से जीतकर अपने महानायक मुरली को विजयी विदाई दी और इसके साथ ही तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली। श्रीलंका के सामने जीत के लिए सिर्फ 95 रन का लक्ष्य था, जिसे उसने चायकाल के बाद बिना कोई विकेट खोए 96 रन बनाकर हासिल कर लिया।

यह मैच पूरी तरह 38 वर्षीय मुरली के नाम रहा जिन्होंने इस टेस्ट से पहले ऐलान कर दिया था कि वह इसके बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने वादा किया था कि वह इस मैच में 800 विकेट भी पूरे करेंगे और अपनी टीम को जीत भी दिलाएँगे। मुरली ने आखिर अपने दोनों वादे पूरे कर दिखाए। मुरली ने भारत के अंतिम बल्लेबाज प्रज्ञान ओझा को स्लिप में माहेला जयवर्धने के हाथों कैच कराकर अपने 800 विकेट पूरे किए और भारत की दूसरी पारी 338 रन पर समेट दी। श्रीलंका को पहली पारी में 244 रन की बढ़त हासिल थी। श्रीलंका के सामने जीत के लिए लक्ष्य मामूली था और उसके दोनों ओपनरों तरंगा परनविताना (नाबाद 23) और तिलकरत्ने दिलशान (नाबाद 68) ने आसानी से इसे हासिल कर लिया।

दिलशान ने हरभजन सिंह की गेंद पर बेहतरीन छक्का उड़ाकर श्रीलंका की जीत पर 14.1 ओवर में ही दस विकेट से मोहर लगा दी। दिलशान ने 47 गेंदों की अपनी पारी में छह चौके और एक छक्का लगाया जबकि परनविताना ने 42 गेंदों की अपनी पारी में चार चौके लगाए। मुरली ने पूरे मैच में 191 रन देकर आठ विकेट हासिल किए। उन्होंने पहली पारी में 63 रन पर पाँच विकेट और दूसरी पारी में 44.4 ओवर में 128 रन देकर तीन विकेट लिए। भारत की दूसरी पारी में तेज गेंदबाज लसित मलिंगा ने 50 रन पर पाँच विकेट लेकर भारतीय पारी की कमर तोड़ी।

मैच के अंतिम दिन सभी निगाहें इस बात पर थीं कि मुरली अपने 800 विकेट पूरे कर पाते हैं या नहीं। भारत ने अपनी पारी को पाँच विकेट पर 181 रन से आगे बढ़ाया था। मुरली को भारत के शेष पाँच विकेटों में से दो विकेट हासिल करने थे। मैच के चौथे दिन तक वह 798 विकेट पूरे कर चुके थे।

वीवीएस लक्ष्मण ने सुबह नौ रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया और पुछल्ले बल्लेबाजों के सहयोग से उन्होंने भारत को पारी की हार की शर्मिंदगी से बचा लिया। लक्ष्मण 127 गेंदों के मैराथन संघर्ष के बाद पाँच चौकों की मदद से 69 रन बनाकर नौवें बल्लेबाज के रूप में टीम के 314 के स्कोर पर आउट हुए। लक्ष्मण ने हालाँकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (04) और हरभजन सिंह (08) को 11 रन के अंतराल में गँवा दिया था। मलिंगा ने एक बेहतरीन यार्कर पर धोनी को बोल्ड किया था जबकि मुरली ने हरभजन को पगबाधा कर अपना 799वाँ विकेट ले लिया था।

भारत का सातवाँ विकेट 197 के स्कोर पर गिरने के बाद ऐसा लग रहा था कि भारतीय पारी लंच से पहले ही सिमट जाएगी और उसे पारी की हार की शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी। लेकिन लक्ष्मण को अभिमन्यु मिथुन के रूप में ऐसा जोड़ीदार मिला जिसने डटकर श्रीलंकाई गेंदबाजी का सामना किया। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 49 रन की महत्वपूर्ण साझीदारी कर भारत को पारी की हार से बचा लिया।

अपना पहला टेस्ट खेल रहे मिथुन ने कहीं ज्यादा परिपक्वता के साथ बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई गेंदबाजों को खुद पर हावी नहीं होने दिया। मिथुन ने मुरली की गेंदों पर दो बेहतरीन चौके भी लगाए। आखिर तेज गेंदबाज लसित मलिंगा ने एक शानदार यार्कर पर मिथुन को पगबाधा आउट कर इस साझीदारी को तोड़ दिया। अपने पहले ही टेस्ट की दूसरी पारी में मिथुन ने 59 गेंदों में पाँच चौकों की मदद से 25 रन बनाए। मिथुन के आउट होने के समय भारत का स्कोर 246 रन था और भारत श्रीलंका की बढ़त से सिर्फ दो रन ही आगे था। मगर इसके बाद लक्ष्मण को दसवें नंबर के बल्लेबाज ईशांत शर्मा ने भी अच्छा सहयोग दिया।

ईशांत ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अनुभवी लक्ष्मण के साथ नौवें विकेट के लिए 68 रन की साझीदारी की। इस दौरान श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने मुरली को लगातार गेंदबाजी पर लगाए रखा ताकि वह अपना 800वाँ विकेट हासिल कर सकें। यहाँ तक कि दूसरी नई गेंद के साथ पहला ओवर भी मुरली ने ही डाला।

लेकिन लक्ष्मण और ईशांत ने पूरी दृढ़ता के साथ खेलते हुए श्रीलंकाई गेंदबाजों, खासकर मुरली को रोके रखा। पूरे स्टेडियम से मुरली के 800 विकेट पूरे होने की दुआ हो रही थी। मुरली की पत्नी और उनके परिवार के सदस्य, सभी स्टेडियम में मौजूद थे। लेकिन इस चैंपियन गेंदबाज का इंतजार खत्म नहीं हो रहा था। लक्ष्मण अंतत: भारत को 300 के पार पहुँचाने के बाद रन आउट हो गए। भारत का नौवाँ विकेट 314 के स्कोर पर गिरा। लक्ष्मण थर्ड मैन बाउंड्री से एंजेला मैथ्यूज के सीधे थ्रो पर रनआउट हो गए। लक्ष्मण का विकेट गिरने के साथ ही दर्शकों की चिंता बढ़ गई कि मुरली को 800वाँ विकेट मिल पाएगा या नहीं।

खुद मुरली भी मुस्करा रहे थे कि आखिर उनके भाग्य में 800वाँ विकेट लिखा है या नहीं। ईशांत और ओझा ने अंतिम विकेट की साझीदारी में 24 रन जोड़ डाले थे। आखिर मुरली ने ओझा को जैसे ही स्लिप में माहेला के हाथों कैच कराया, पूरा स्टेडियम खुशी से झूम उठा। ओझा 13 रन बनाकर आउट हुए जबकि ईशांत अपने करियर की नाबाद 31 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलकर पवेलियन लौटे। उन्होंने कुल 106 गेंदों का सामना कर चार चौके लगाए जबकि ओझा ने अपने 13 रनों के लिए 50 गेंदें खेली थी। श्रीलंका ने यह मैच जीतकर तीन टेस्टों की सिरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। दोनों देशों के बीच दूसरा टेस्ट 26 जुलाई से कोलंबो में खेला जाएगा।

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