पिछले वित्त वर्ष में भारत को विश्व बैंक से सर्वाधिक वित्तीय मदद मिली। विकासशील और गरीब दोनों देशों की श्रेणी में भारत ने सर्वाधिक वित्तीय सहायता प्राप्त की।
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2009-10 में 9.3 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता भारत को दी। यह अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा दी गई सहायता के मुकाबले अधिक है।
अधिकारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) ने अपने कुल ऋण में से 6.7 अरब डॉलर या 15.1 फीसद हिस्सा भारत को दिया। दूसरे स्थान पर मैक्सिको रहा जिसे 6.4 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई।
इसके बाद दक्षिण अफ्रीका (3.8 अरब डॉलर), ब्राजील (3.7 अरब डॉलर) और तुर्की (3.0 अरब डॉलर) को वित्तीय सहायता दी गई।
इसके अलावा विश्व बैंक की रियायती दर पर ऋण देने वाली इकाई इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) ने आलोच्य वित्त वर्ष में अपनी कुल सहायता का 17.7 फीसद (2.6 अरब डॉलर) भारत को दिया।
इसके विपरीत आईडीए ने वियतनाम को 1.4 अरब डॉलर और तंजानिया, इथोपिया और नाइजीरिया तीनों को 0.9 अरब डॉलर की विततीय सहायता दी। आईबीआरडी मध्यम आय वाले देशों को मदद देता है, जबकि आईडीए दुनिया के गरीब देशों को वित्तीय सहायता देता है। वास्तविक मदद के रूप में भारत को सर्वाधिक 4.7 अरब डॉलर मिला है।
1 टिप्पणी:
दुर्भाग्य है की हम अभी भी दूसरों के दिए ऋण पर अपना विकास करने को निभर हैं ,भारत की औकात पूरे विश्व को सहायता देने की है लेकिन यहाँ की निकम्मी सरकार और भ्रष्ट नेताओं का गठजोड़ इस देश को इतनी बेदर्दी से लूट रहें हैं की इस देश की हालत जमीनी स्तर पर बद से बदतर होती जा रही है | शर्मनाक है ऐसी स्थिति हमसब के लिए...
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