सरकार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित व बाल्तिस्तान क्षेत्र में चीनी सैनिकों की मौजूदगी संबंधी खबरों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच कराएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि हमने मीडिया में आई रिपोर्ट देखी हैं और इनकी स्वतंत्र जांच कराएंगे। यदि यह सच हुआ तो गंभीर चिंता का मुद्दा होगा और राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम सभी जरूरी कदम उठाएंगे।
हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में यह खबर छपी है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के करीब 7 से 11 हजार सैनिक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के सामरिक महत्व के गिलगित और बाल्तिस्तान क्षेत्र में स्थायी ठिकाने बना रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मिलेट्री इंटेलीजेंस को गिलगित-बाल्तिस्तान में चीन की मौजूदगी की खबर है और भारत ने इसे लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराया है। इस इलाके में पाकिस्तान ने चीन के साथ बड़ी बिजली परियोजना के करार पर पिछले साल सितंबर में दस्तखत किए हैं, जिस पर भी भारत सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई थी। हिंद महासागर सहित पूरे क्षेत्र में अधोसंरचना का विस्तार कर चीन पैठ बढ़ा रहा है जो सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।
तिब्बत के निवासियों को स्टेपल वीजा के मुद्दे पर प्रकाश ने कहा कि जम्मू कश्मीर के निवासियों को चीन द्वारा स्टेपल वीजा दिया जा रहा है। जम्मू कश्मीर निवासी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल को जुलाई में बीजिंग यात्रा के लिए वीजा देने से इनकार करने के बाद दोनों देशों के बीच यह मसला और गहरा गया है। इस संबंध में भारत सरकार चीन से बातचीत कर रही है। इस बीच नवंबर में दोनों देशों के बीच होने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास भी खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।
मंगलवार, 31 अगस्त 2010
चीनी सैनिकों की मौजूदगी संबंधी खबरों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच !!
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