झारखंड की एक अदालत ने पत्रकार निरूपमा पाठक की मां सुधा पाठक को कल जमानत दे दी है।
23 वर्षीय निरूपमा को 29 अप्रैल को उनके घर में मरा पाया गया था। कोडरमा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एन के अग्रवाल की अदालत ने इस सुधा पाठक के खिलाफ निर्धारित 90 दिनों की अवधि में पुलिस के आरोप पत्र न दाखिल कर पाने पर उसे जमानत दे दी। निरूपमा के मित्र प्रियभांशु रंजन ने उसके परिवार पर हत्या का आरोप लगाया था। वहीं निरूपमा के परिवार वालों ने रंजन पर दुष्कृत्य और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
जांचकर्ता अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह हत्या का मामला है या आत्महत्या का। फोरेंसिक जांच से पता चला है कि निरुपमा की मौत के बाद मिला सूइसाइड नोट उसी के द्वारा लिखा गया था।
पुलिस के मुताबिक निरुपमा के शव का परीक्षण करने वाले तीन सदस्यीय दल ने उसकी मृत्यु का समय नहीं बताया है। मृत्यु के समय निरुपमा गर्भवती थी। उसके विसरा और भ्रूण को संरक्षित नहीं किया गया है। रिपोर्ट में निरुपमा के शरीर पर चोट के निशानों का भी कोई जिक्र नहीं है।

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