ब्लैकबेरी को बनाने वाली कनाडा की कंपनी रिसर्च इन मोशन यानि रिम ने भारत सरकार को अंगूठा दिखा दिया है। कंपनी ने दो टूक कह दिया है कि वो अपने ग्राहकों के ईमेल, मैसेज और इस तरह के दूसरे डाटा की जानकारी भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को नहीं देगी।
ब्लैकबेरी के इस ऐलान की बाद भारत में इसके 10 लाख ग्राहकों के मोबाइल फोन सर्विस पर खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि गृह-मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर रिम ये डाटा सुरक्षा एजेसियों को उपलब्ध नहीं कराती है, तो भारत में उसकी सर्विस बंद कर दी जाएगी।
इससे पहले गृह-मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग से कहा था कि वो रिम को बताए कि कंपनी ई मेल और दूसरे डाटा सर्विस उपलब्ध कराने के लिए ऐसा सिस्टम अपनाए जिससे सुरक्षा और खुफ़िया एजेंसियां इन पर नजर रख सकें। आपको बता दें कि फिलहाल रिम जिस सिस्टम के जरिए भारत में सेवाएं दे रही है उससे सुरक्षा एजेंसियां, ब्लैकबेरी के जरिए भेजे जाने वाले संदेशों पर नजर नहीं रख पा रही हैं। जिसे देश की सुरक्षा के लिहाज से बड़े खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
लेकिन अब रिम के ताजा रुख से भारत में ब्लैकबेरी इस्तेमाल करने वाले करीब 10 लाख लोगों की फोन की धंटी बंद हो सकती है।

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