दूसरों के साथ वास्तविक रूप में सौहार्द बनाये रखें।
सदैव मुस्कराते रहे, उदार और दयालु बने।
विनम्रता सर्वोपेरि है। शांत और संवेदनशील बनें।
दूसरों को समझने की कोशिश करें। सच्चे मित्र
एक दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं।
उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि
वे क्या करते हैं। तुम्हें ऐसा ही बनना चाहिये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें