विशेष सरकारी वकील उज्वल निकम ने कहा कि दक्षिण मुंबई स्थित किले जैसी जेल के अंदर यह घटना पहली सितम्बर को घटी थी।
निकम ने न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति वी.के.ताहिलरमानी के समक्ष सीसीटीवी फुटेज से तैयार की गई घटना की एक सीडी प्रस्तुत की। इसके साथ ही निकम ने कसाब के वकील की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें अदालत से जेल प्रशासन को उस समय कमरे से बाहर रहने का निर्देश देने की मांग की गई है, जब वह कसाब के साथ कानूनी मुद्दे पर चर्चा कर रही हों।
निकम ने कहा कि पुलिस और जेल प्रशासन के लिए पाकिस्तानी आतंकी को इस बात की अनुमति देना असंभव है कि वह सुरक्षा अधिकारियों की अनुपस्थिति में अपने वकील से मिले।
निकम ने चिंता जाहिर की कि कसाब अपने वकील पर भी हमला कर सकता है और इसलिए उसे सुरक्षा एवं जेल कर्मियों की उपस्थिति में ही अपने वकील के साथ चर्चा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कसाब के साथ अकेले में मिलने की जोरदार वकालत करते हुए सरकार द्वारा नियुक्त कसाब की वकील फरहाना शाह ने कहा कि सुरक्षा एवं जेल कर्मियों की उपस्थिति में कसाब अपने मामले के बारे में विस्तृत चर्चा करने में असहज महसूस करता है।
शाह ने यह भी कहा कि यदि सुरक्षा कर्मी इतनी दूरी पर रहें कि वह चर्चा न सुन सकें तो भी उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
न्यायाधीशों ने कहा कि वे कसाब के कथित हमले से संबंधित सीडी देखेंगे और इसके साथ ही मामले की सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय कर दी।
बुधवार, 29 सितंबर 2010
कसाव ने जेल में सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया !!
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