डालमियां का वनवास समाप्त. निष्कासन वापस. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 30 सितंबर 2010

डालमियां का वनवास समाप्त. निष्कासन वापस.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपने पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ मामला वापस लेने के साथ ही उनका निष्कासन भी मंगलवार को समाप्त कर दिया। इसके साथ ही डालमिया के राष्ट्रीय क्रिकेट की राजनीति में लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है। बीसीसीआई की 81वीं वार्षिक आम बैठक में यह फैसला किया गया। बोर्ड ने एक बयान में कहा, बीसीसीआई ने डालमिया के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय में चल रहा मामला वापस ले लिया है। साथ ही उनका निष्कासन भी समाप्त कर दिया गया है। बीसीसीआई ने डालमिया पर 1996 में हुए विश्वकप में वित्तीय हेराफेरी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ वर्ष 2006 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। साथ ही उन्हें इसी वर्ष बोर्ड से निष्कासित कर दिया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष डालमिया ने कहा कि बोर्ड के ताजा फैसले से उनकी बेगुनाही साबित हुई है। उन्होंने कहा, क्रिकेट में बतौर प्रशासक मेरा कामकाज साफ-सुथरा रहा है। मैं इस फैसले के लिए बीसीसीआई और उसके सदस्यों को धन्यवाद देता हूं। डालमिया और बीसीसाआई के बीच विवाद की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी जब डालमिया के वोट से रणबीर सिंह महेन्द्रा शरद पवार को हराकर बोर्ड अध्यक्ष बने थे। लेकिन बाद में जब पवार बीसीसीआई के अध्यक्ष बने तो डालमिया के बोर्ड की बैठकों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। वर्ष 2006 में उनके खिलाफ 1996 के विश्वकप के फंड में 2.90 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज की गई। इस कारण डालमिया को बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष पद से भी हाथ धोना पड़ा। एक वर्ष की कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें कैब के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की इजाजत दी गई और 2008 में उन्हें भारी बहुमत से इस पद के लिए चुना गया। इसी वर्ष मार्च में उन्हें बीसीसीआई के वित्तीय हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।

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