नीतीश इस यात्रा के प्रथम चरण में मधेपुरा में रहकर प्रथम चरण में होने वाले मतदान के सभी चुनाव क्षेत्रों का दौरा करेंगे और फिर पटना लौटकर दूसरे चरण में होने वाले मतदान के चुनाव क्षेत्रों के लिए निकलेंगे। दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान और जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने भी विभिन्न स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित किया। इधर, भाजपा के अध्यक्ष ठाकुर ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें मनाने के लिए उनके आवास पर पार्टी नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता शहनवाज हुसैन, निवर्तमान विधायक एवं बांकीपुर से भाजपा के प्रत्याशी नितिन नवीन, जद (यु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, मंत्री अश्विनी चौबे समेत कई नेता शुक्रवार की शाम ठाकुर के आवास पर पहुंचे। पार्टी प्रवक्ता हुसैन ने कहा, ""ठाकुर को मनाने का प्रयास जारी है। उन्हें हम मना लेंगे। इसके बाद भाजपा और ताकतवर होकर उभरेगी। उन्होंने माना कि कई ऎसी सीटें हैं, जिन पर गठबंधन के कारण पार्टी को समझौता करना प़डा।"" मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि अध्यक्ष को मनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति की जिद के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, उसका मूल्यांकन बाद में किया जाएगा। पार्टी किसी की "बपौती" नहीं है। शरद यादव ने कहा, ""वह हमारे साथी हैं। उनका इस्तीफा चौंकाने वाला है। उन्हें मना लिया जाएगा। जो गलतफहमी हुई है, उसे दूर किया जाएगा।"" इस बीच सी$ पी$ ठाकुर के पटना स्थित आवास पर उनके समर्थकों का हुजूम जमा है। उनमें से कुछ लोग उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
ठाकुर ने पत्रकारों को बताया कि बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, ""आखिर रहना तो यहीं है। एक वरिष्ठ साथी की टिप्पणी से मुझे दुख हुआ और मैंने इस्तीफा दे दिया।"" ठाकुर ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में बने रहेंगे, लेकिन चुनाव कार्य में भी भाग नहीं लेंगे। चर्चा है कि उनके पुत्र विवेक ठाकुर को पार्टी द्वारा बांकीपुर से टिकट नहीं दिए जाने के कारण ठाकुर ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने हालांकि कहा कि पार्टी से नाराजगी है, लेकिन इसका कारण केवल टिकट का मामला नहीं है। उन्होंने पार्टी में खुद की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि जब टिकट बंटवारे में भी उनसे सलाह नहीं लिया जाता है तो ऎसे में अध्यक्ष बने रहने से क्या फायदा। इधर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी-लेनिनवादी) ने अपने 55 प्रत्याशियों की सूची जारी की। पार्टी राज्य के 243 सीटों में से 103 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रही है। इसके पूर्व पार्टी ने 48 प्रत्याशियों की सूची घोषित कर दी थी। उधर, टिकट बंटवारे से असंतुष्ट कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नालंदा जिला मुख्यालय स्थित कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार को तो़डफो़ड की और बाद में कार्यालय भवन में आग लगा दी।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी ने नालंदा जिला के हरनौत और हिलसा विधानसभा क्षेत्र में जद (यु) के इशारे पर प्रत्याशी तय किएहैं। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा के 243 सीटों के लिए छह चरणों में 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर के बीच मतदान होना है। सभी सीटों के लिए मतगणना 24 नवम्बर को होगी ।

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