ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट में भारत से बदला लिया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 14 अक्टूबर 2010

ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट में भारत से बदला लिया.


भारत को रौंदकर ऑस्ट्रेलिया ने हॉकी का गोल्ड मेडल जीता. विजय रथ पर सवार वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 8-0 से कुचल कर रख दिया. हार के बाद भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. हॉकी में पहली बार मिला कॉमनवेल्थ का रजत.


दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने जबरदस्त और आक्रमक खेल का नजारा पेश किया. शुरुआती चरण में भारत को हराने वाले ऑस्ट्रेलिया ने फाइलन में और धमाकेदार प्रदर्शन किया और आठ गोल ठोंक डाले. दर्शकों के भरे स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने हाफ टाइम तक ही चार गोल दागकर नतीजा तय सा कर दिया.
इस बढ़त से भारतीय टीम का मनोबल टूट सा गया. टीम जीत के बजाए किसी तरह ड्रॉ करा लिया जाए, इस मानसिकता से खेलने लगी. इसका फायदा ऑस्ट्रेलिया को ही हुआ. कंगारूओं ने चार गोल और दनदना दिए.
दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में ऑस्ट्रेलिया की पुरुष हॉकी टीम ने कोई मैच नहीं हारा. वहीं भारत दो मैच हारा और दोनों बार ऑस्ट्रेलिया से. पहला मैच ऑस्ट्रेलिया 5-2 से जीता था. वैसे हाल के वक्त में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मुकाबले कड़े होते रहे हैं. जुलाई में हुए अलजान शाह हॉकी टूर्नामेंट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया 4-3 से हराया. इस बार ऑस्ट्रेलिया ने हिसाब बराबर कर दिया.
लेकिन भारत के लिए यह भी संतोष की बात है. कॉमनवेल्थ खेलों में भारत को पहली बार हॉकी का कोई पदक मिला है. यह भले ही रजत पदक हो लेकिन इसकी अहमियत सोने से कम नहीं है.

कोई टिप्पणी नहीं: