
कर्नाटक के राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने कर्नाटक विधानसभा में आज बीजेपी सरकार द्वारा हासिल किए विश्वास मत पर अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है। उन्होंने सरकार के विश्वास मत हासिल करने को तमाशा बताया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वास मत हासिल करते समय गैर विधायक भी सदन में थे, जो पूरी तरह असंवैधानिक है।
केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोईली ने भी राज्यपाल एचआर भारद्वाज का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केजी बोपय्या ने संविधान का पूरी तरह उल्लंघन किया है।
कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने सोमवार सुबह भारी हंगामे के बीच विश्वास मत जीत लिया। लेकिन अभी भी संकट हल नहीं हुआ है। राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष केजी बपैय्या को चेतावनी दी थी कि किसी भी विधायक को सदन की कार्यवाही से अयोग्य घोषित न किया जाए और 224 सदस्यीय सदन में 6 अक्टूबर के पहले की स्थिति बनाई रखी जाए। लेकिन अध्यक्ष ने रविवार देर रात 16 विधायकों को सदन की कार्यवाही से अयोग्य घोषित कर दिया। इससे सदन की कुल संख्या घटकर 208 रह गई। इसमें बीजेपी के 106 और कांग्रेस व जनता दल (सेक्युवर) की मिली जुली शक्ति 101 विधायकों की रही।
सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद राज्यपाल ने पूरे मामले में अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेजी। उन्होंने सरकार बर्खास्त कर, प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा है कि सदन की कार्यवाही के समय कुछ एमएलसी भी उपस्थित थे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के विरोध में 120 विधायक हैं और जाहिर है सरकार बहुमत खो चुकी है। राज्यपाल की इस रिपोर्ट पर अब कैबिनेट चर्चा कर, फैसला लेगी। कैबिनेट अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजेगी, जो अंतिम निर्णय लेंगीं। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल मंगलवार को पुणे से दिल्ली लौट रही हैं.
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