धोनी ने भारत टीम के सात विकेट से दूसरा टेस्ट जीतने के बाद पत्रकारों से कहा, हालांकि यह कप्तान के रूप में मेरा दुर्भाग्य रहा कि मैं टॉस नहीं जीत पाया लेकिन गेंदबाजों ने दोनों ही टेस्टों में शानदार गेंदबाजी की। जीत का श्रेय उन्हीं को जाना चाहिए। इसलिए इस जीत को मैं गेंदबाजों का समर्पित करता हूं।
उन्होंने कहा कि चेतेश्वर पुजारा ने भी दूसरी पारी में उन्हें मिले मौके का पूरा फायदा उठाया और शानदार खेल दिखाते हुए 72 रन बनाए। उन्हें द्रविड़ की जगह भेजा गया था और उन्होंने इस चुनौती को लेकर उम्दा बल्लेबाजी की।
जब धोनी से दर्शकों की भीड़ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, दूसरे टेस्ट के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक बेंगलूर के दर्शकों ने हमारा उत्साह बढ़ाया। उनके प्रोत्साहन और समर्थन से हमें बहुत मदद मिली।
उन्होंने कहा, हम सर्कस के कलाकारों की तरह है। जब हम खेलते हैं तो हम चाहते हैं कि दर्शकों की भीड़ हमारा हौसला बढ़ाए धोनी ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया ने हमें जीतने के लिए 207 रन का लक्ष्य दिया था जिसे पाना मुश्किल नहीं था लेकिन शुरू में हम काफी डरे हुए थे। उन्होंने कहा, अगर आपकी शुरूआत अच्छी हो और विकेट आपके पास हों तो आप आधी लड़ाई जीत लेते हैं।
उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों ने ड्रेसिंग रूम में इस बात पर चर्चा की थी कि इस लक्ष्य को कैसे हासिल किया जाए। जीत हासिल करने में मुरली विजय और पुजारा की दूसरे विकेट के लिए साझेदारी और बाद में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के नाबाद 53 रन से जीत आसान हो गई।
उन्होंने टीम में तेज गेंदबाजों की जरूरत का जिक्र करते हुए कहा, हमें स्पिनरों पर बोझ कम करने के लिए कम से कम चार तेज गेंदबाजों की जरूरत है। टेस्ट मैच में केवल दो या तीन स्पिनरों पर ही जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए।

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