आने वाले दिनों में कॉल दरें और सस्ती होने के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल दूरसंचार नियामक ट्राई ने बेसिक फोन सेवाओं की कॉल रेट्स को नए सिरे से तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि ट्राई के इस कदम से देश में कॉल दरें, खासकर एसटीडी कॉल दरें और नीचे आ सकती हैं।
ट्राई को कई उपभोक्ताओं की तरफ से यह शिकायत मिली है कि बाजार में अलग अलग कंपनियों के एक ही तरह के कई प्लान हैं, जिससे असमंजस पैदा होता है। इस शिकायत पर ही ट्राई ने कॉल दरें फिर से तय करने की प्रक्रिया शुरू की है।
मौजूदा नियमों के मुताबिक कोई भी टेलीकॉम ऑपरेटर एक समय में 25 से ज्याद स्कीम पेश नहीं कर सकता है। दूरसंचार नियामक ने 'दूरसंचार दरों से संबंधित कुछ मुद्दे' नाम से एक ‘डिसकशन पेपर’ जारी किया है। इसके जरिए आपरेटरों समेत इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से 15 नवंबर तक राय मांगी गई है।
कॉल दरों मे कटौती की एक और गुंजाइश बन रही है। दरअसल कुछ आपरेटरों का कहना है कि टर्मिनेशन शुल्क में कटौती कर के भी कॉल दरों को घटाया जा सकता है। ऑपरेटरों की यह बात मान ली गई, तो कॉल दरों में और गिरावट आ सकती है। टर्मिनेशन शुल्क वह शुल्क होता है, जो उस ऑपरेटर को अदा करना पड़ा है जिसके नेटवर्क पर कॉल खत्म होती है। ये शुल्क उस आपरेटर को देना होता है, जहां से कॉल शुरू हुई है।
इन सबके साथ ही सरकार ने भी मौजूदा 22 सर्किलों को मिला एक सर्किल बनाने या इन्हें चार क्षेत्रों तक सीमित करने की योजना बनाई है। जिससे रोमिंग दरों में कमी आएगी। दूरसंचार विभाग जल्द ही इस प्रस्ताव पर विचार करेगा।

2 टिप्पणियां:
सुखद जानकारी...
Acchi baaat.....
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