देशभर में यात्रा करते रहने वाले मोबाइलधारकों को जल्द ही रोमिंग के झंझट से मुक्ति मिल सकती है। टेलीकॉम विभाग द्वारा गठित एक पैनेल द्वारा दिए गए सुझावों में रोमिंग दरों को खत्म करने का सुझाव दिया गया है। पैनेल ने संचार इंडस्ट्री में पूरे भारत को सिंगल क्षेत्र मानने को कहा है।फिलहाल पूरा देश 22 सर्किल में बंटा है और जब उपभोक्ता अपने होमसर्किल से बाहर होता है तो उसे फोन रिसीव करने और फोन करने के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होता है। पैनेल ने सिफारिश दी है कि सर्किल कॉन्सेप्ट को समाप्त किया जाए। पैनल के अनुसार यदि पूरे देश को एक सर्किल नहीं माने जा सके तो पूरे देश को चार बड़े हिस्सों में बांट दिया जाए। इस स्थिति में जब उपभोक्ता अपने क्षेत्र में यात्रा कर रहे होंगे तो उन्हें रोमिंग चार्ज नहीं देना होगा।
ट्राई को इस पर काम करने के लिए कहा गया है। हालांकि इसके लिए इस कॉन्सेप्ट को लागू करने के लिए अभी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। दूसरी ओर यदि सरकार रोमिंग नियमों में बदलाव करती है तो मोबाइल फोन कंपनियां ऎसे किसी भी बदलाव का विरोध करेगी। क्योंकि रोमिंग के जरिए इन कंपनियों को कुल आय का करीब 10 फीसदी हिस्सा मिलता है। रोमिंग से करीब 12 हजार करोड़ की आय होती है।
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