
सतह से सतह पर मार करने और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-1 प्रक्षेपास्त्र का गुरुवार को सफल परीक्षण किया गया। ठोस ईधन पर आधारित इस मिसाइल की मारक क्षमता सात से नौ सौ किलोमीटर है। यहां ओडिशा तट पर बंगाल की खाड़ी में स्थित व्हीलर द्वीप पर एकीकृत परीक्षण रेंज से एक मोबाइल लांचर के जरिये मिसाइल को गुरुवार की सुबह 10.10 बजे दागा गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि परीक्षण सभी मापदंडों पर खरा उतरा है। अग्नि-1 भारतीय सशस्त्र बलों के जखीरे में शामिल होने वाला पहला एवं एकमात्र ठोस ईधन आधारित मिसाइल है। अपने देश में ही निर्मित 15 मीटर लंबी अग्नि-1 मिसाइल का वजन 12 टन है। यह एक हजार किलोग्राम वजन तक पारंपरिक एवं परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है। परीक्षण के दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिकों समेत नवगठित रणनीतिक कमान के सदस्य मौजूद थे। एकल चरण वाली अग्नि-1 मिसाइल को रेल और सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो अग्नि-1 मिसाइल अग्नि-2 मिसाइल का एकल चरण है। आज के परीक्षण के विस्तृत परिणामों को रडार नेटवर्क तथा टेलीमिट्री स्टेशनों से लिए गए आंकड़ों के आधार पर लिया जाएगा। इस मिसाइल का पहला परीक्षण गत 25 जनवरी को इसी द्वीप से किया गया था।
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