भारत सेमीफाइनल में हारी, सोने का सपना टुटा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 नवंबर 2010

भारत सेमीफाइनल में हारी, सोने का सपना टुटा.

एशियाई खेलों की अजेय टीम भारत अपना सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला गंवा बैठी और फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ने का ख्वाब अधूरा रह गया. मलेशिया ने आखिरी तीन मिनट में भारतीय टीम की मिट्टी पलीद कर दी और अपनी हार को जीत में बदल दिया.


खेल में सिर्फ 180 सेकंड बचे हैं और भारत 3-2 से मैच जीतता नजर आ रहा था. भारतीय हॉकी खिलाड़ी शायद थोड़ा आराम करने में लग गए लेकिन मलेशिया के अमीन रहीम ने इन्हीं तीन मिनटों को भारत के लिए आत्मघाती बना दिया.

भारत सेमीफाइनल मुकाबले में 3-2 से आगे चल रहा था और सबकी नजरें रेफरी की तरफ थीं कि वह कब सीटी बजाता है. मैच खत्म होते होते मलेशिया को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और रहीम ने गेंद को शानदार शॉट से जाल में पहुंचा दिया. आखिरी मिनट में बराबरी का गोल खाने के बाद भारतीय हॉकी टीम सन्नाटे में आ गई और लगता है कि वहीं आत्मविश्वास भी टूट गया.


अतिरिक्त समय में मलेशिया ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया और रहीम की स्टिक एक बार फिर भारतीय टीम पर बिजली बन कर गिरी. उन्होंने एक और गोल दाग कर भारत का एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने का सपना तोड़ दिया. भारत ने लंबे वक्त से एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक नहीं जीता है. पाकिस्तान की टीम पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी है.

वैसे दूसरा सेमीफाइनल भी खासा रोमांचक रहा. पाकिस्तान के गोलकीपर सलमान अकबर ने आखिरी मिनट में दक्षिण कोरिया के पेनाल्टी शूट आउट का आखिरी शॉट रोक कर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया.

पाकिस्तान की टीम एशियाई खेलों की सबसे सफल टीम समझी जाती है. इसने लगातार सात बार स्वर्ण पदक जीते हैं लेकिन पिछले 20 साल में इसे सोने का दर्शन नहीं हुआ है. पाकिस्तान ने आखिरी बार 1990 के बीजिंग एशियाड में सोने का तमगा जीता था.

दूसरी तरफ मलेशिया पहली बार एशियाई खेलों के फाइनल में पहुंचा है. इससे पहले वह 10 बार भारत से एशियाई खेलों में भिड़ चुका है और अब तक उसे हर बार हार का ही सामना करना पड़ा है.

भारत के कोच खोसे ब्रासा ने कमजोर रक्षा पंक्ति को हार की वजह बताई. उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी हार है क्योंकि हम यहां टूर्नामेंट जीतने आए थे. हमने वैसे तो पूरे मैच में बेहतर खेला लेकिन मलेशिया ने तीनों पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदल दिया."

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