दक्षिण कोरियाई सेना ने उत्तर कोरिया की तरफ से तोपों से गोले दागे जाने की आवाज सुनने के बाद सीमावर्ती द्वीप पर बसे लोगों को कुछ देर के लिए बम आश्रय स्थलों में शरण लेने का आदेश दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी।
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी, योनहैप ने खबर दी है कि बाद में जब सेना को पता चला कि धमाके की आवाजें उत्तर कोरियाई प्रशिक्षण मैदान से आ रही थी तो योनप्योंग द्वीप से आपात आदेश हटा लिया गया। पीला सागर में रविवार से अमेरिकी-दक्षिण कोरियाई नौसेना का संयुक्त अभ्यास शुरू होने के बाद से अधिकारी उत्तर कोरिया की सैन्य हरकतों पर बराबर नजर रख रहे हैं।
योनहैप ने खबर दी है कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के मद्देनजर उत्तर कोरिया ने अपने पश्चिमी तट पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी तैनात कर रखी हैं। इसके पांच दिन पहले उत्तर कोरिया ने योनप्योंग द्वीप पर गोलाबारी की थी, जिसमें दो नौसैनिक और दो नागरिक मारे गए थे।
एजेंसी ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "लगता है कि मिसाइलों ने उत्तरी सीमा रेखा के पास उड़ रहे हमारे और अमेरिकी लड़ाकू विमानों को निशाने पर ले रखा है।" योनहैप ने कहा है कि द्वीप पर निवास करने वाले 1,700 नागरिकों में से अधिकांश ने द्वीप छोड़ दिया है, लेकिन करीब 20 नागरिक अभी भी वहां बने हुए हैं।
रविवार, 28 नवंबर 2010
अमेरिकी दक्षिण कोरियाई नौसेना अभ्यास शुरू.
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