रतन टाटा ने दावा किया है कि स्पेक्ट्रम घोटाले से ध्यान बंटाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करे।
एक टीवी चैनल के ‘वाक द टाक’ कार्यक्रम में टाटा ने कहा कि कैग रिपोर्ट के बाद चरित्र हनन का अभियान चलाया जा रहा है। सरकार को बेबुनियाद तथ्यों के आधार पर लोगों पर इस तरह के हमले रोकने चाहिए। कोर्ट में दोषी साबित होने तक हर व्यक्ति को यह अधिकार है कि उसे बेगुनाह समझा जाए।
मुंबई के एक समाचार पत्र ने खुलासा किया था कि सिर्फ राजनीतिक दलों के नेताओं के ही नहीं बल्कि मुकेश अंबानी, टाटा प्रमुख रतन टाटा और भारती-एयरटेल ग्रुप के सुनील मित्तल का भी फोन टेप होता है। इसके अलावा दो सीनियर पत्रकारों के भी फोन टेप होने की बात इस अखबार ने प्रमुखता से छापी थी। सीबीआई और सूचना विभाग के पास से कई सारे दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिसमें यह साफ होता है कि रतन टाटा, मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल के फोन टेप हुए थे।
प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार टाटा की महत्वाकांक्षा योजना नैनो प्रोजेक्ट को सिंगूर से गुजरात लाने के समय जो भी वार्तालाप हुआ उसको रिकॉर्ड किया गया था। इसके अलावा टेलीकॉम प्रमुख बनने के लिए किए गए प्रयास के समय हुई बातचीत भी इस दस्तावेज में शामिल है। फोन टेपिंग में टाटा और मुकेश अंबानी के कम्यूनिकेशन का काम देखने वाली कंपनी वैश्वी कॉम्युनिकेशन्स और न्यूयॉर्क कन्सलटिंग के प्रमुख नीरा राडिया को मुख्य टार्गेट किया गया है। नीरा के अलावा उनके साथियों का भी फोन टेप किया गया था।
तत्कालीन गृह सचिव जी. के. पिल्लई ने भी स्वीकार किया है कि उनके कार्यकाल में कई फोन टेप हुए होंगे ऐसी संभावना है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय टैक्स और इनकम टैक्स विभाग द्वारा की गई अपील पर फोन टैपिंग की मंजूरी दी गई है। पिल्लई के मुताबिक, करचोरी को रोकने के लिए कई बार इस तरह की मंजूरी दी जाती है।
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