बिहार से विधायक निधि समाप्त. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 15 दिसंबर 2010

बिहार से विधायक निधि समाप्त.

मंगलवार को नीतीश कैबिनेट ने महत्वपूर्ण निर्णय के तहत विधायक निधि को समाप्त करने पर अंतिम और औपचारिक मुहर लगा दी। पिछले मंगलवार को कैबिनेट ने विधायक निधि समाप्त करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया था। कैबिनेट की बैठक में सुशासन के कार्यक्रम को मंजूरी दिए जाने सहित कोशी पुनरुद्धार परियोजना के लिए विश्व बैंक से एक हजार करोड़ का सॉफ्ट लोन लेने पर मंजूरी दी गयी।


बैठक के बाद कैबिनेट सचिव अफजल अमानुल्लाह ने बताया कि विधायक निधि वित्तीय वर्ष 2011-12 से समाप्त हो गया। अभी तक विधानमंडल सदस्यों यानि विधायक और विधान पार्षदों की अनुशंसा पर योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रति सदस्य प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये की दर से राशि आवंटित की जा रही थी। विधायक निधि की जगह विधायकों के परामर्श या उनकी अनुशंसा से विकास कार्यों के लिए योजना और विकास विभाग को जल्द ही वैकल्पिक योजना पेश करने को कहा गया है।


वहीं दूसरे महत्वपूर्ण फैसले के तहत एनडीए के न्यूनतम साझा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए अगले पांच वषों के लिए सुशासन के कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2015 तक बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है। कैबिनेट ने कुल 22 मुख्य मुद्दों को सुशासन के कार्यक्रम में शामिल किया है।


कैबिनेट की बैठक में कोसी बाढ़ पुनरुत्थान के लिए एक हजार करोड़ का सॉफ्ट लोन
एनडीए सुशासन के 22 कार्यक्रम
जिलों में प्रभारी मंत्रियों की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति
मुख्य सचिव के स्तर पर राज्यस्तरीय मासिक समीक्षा
बेहतर प्रशासन के लिए लोक सेवा गारंटी कानून बनाने की पहल
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
शिक्षा में सुधार के लिए कई योजनाएं
पथ निर्माण और परिवहन को सुगम बनाना
बिजली का उत्पादन बढ़ाते हुए बिजली के वितरण को ठीक करना
पेयजल और स्वच्छता को मिशन मोड पर उपलब्ध कराना
नदियों को जोड़ने की योजनाओं को अमल में लाने के महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
शहर में मास्टर प्लान को लागू करना
कृषि रोड मैप को सख्ती से लागू करना
गांवों का समुचित विकास
भू-अभिलेखों को अद्यतन करना
उद्योग प्रोत्साहन आयोग का गठन
महिला सशक्तिकरण नीति
समेकित बाल संरक्षण योजना को प्रभावी तरीके से लागू करना
सामाजिक न्याय
सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित कराते हुए अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करना
राज्यस्तरीय बीपीएल आयोग का गठन
राज्य को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना
सभी जिला मुख्यालयों में एक खेल स्टेडियम सहित खेलों को बढ़ावा देने के कई कार्यक्रम
ऊंची जातियों के लिए आयोग का गठन


किसानों की प्रगति से ही राज्य और देश को उन्नति मिल सकती है। बिहार में कृषि के बहुआयामी विकास हेतु बनाए गए रोडमैप के मद्देनजर मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग के मंत्री और अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कई निर्देश भी जारी किए।



मुख्यमंत्री ने 2008-09 में तैयार किए गए कृषि रोड मैप के तहत निर्धारित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों को पूरा करने में आ रही कठिनाईयों की भी चर्चा की। बैठक में बिहार राज्य फल-सब्जी विकास निगम को सर्विस प्रोवाइडर मोड में विकसित किए जाने और बिहार राज्य बीज निगम को बीजों के उत्पादन तथा वितरण हेतु नॉडल एजेंसी बनाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें किसानों को हाईब्रिड बीजों के प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करने की भी बात की गई।


साथ ही सूबे के कृषि बाजार प्रांगण की जमीन के बेहतर प्रयोग हेतु नीति बनायी जाएगी। प्रदेश में प्रमण्डल और जिला स्तर पर मिट्टी जांच, बीज जांच और उवर्रको की जांच के लिए प्रयोगशाला बनाने और उसे आधुनिक बनाने का निर्देश नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिया। बैठक में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह, सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह और पशु संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह के अतिरिक्त सभी विभागों के सचिव मौजूद थे।

1 टिप्पणी:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

सबसे बढ़िया ख़बर. वर्ना इसे खैरात की तरह बांटते घूम रहे थे लोग.