लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगले महीने चेन्नई यात्रा के दौरान उन्हें निशाना बना सकता है। बागी संगठन इसके लिए साजिश रच रहा है। इस ख़बर से साफ है कि श्रीलंका का चरमपंथी संगठन लिट्टे एक बार फिर सिर उठा रहा है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, लिट्टे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री पी. चिदंबरम और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि, केंद्रीय गृह सचिव जी. के. पिल्लई भी उसके निशाने पर है। खुफिया ब्यूरो (आईबी) के सूत्रों ने इस सनसनीखेज खुलासे में कहा है कि श्रीलंका की सैन्य कार्रवाई में तबाह हो चुका लिट्टे के बचे खुचे कुछ कमांडर भारत में फिर से एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं और देश के प्रमुख नेताओं पर हमले की साजिश रच रहे हैं। खासकर उस समय जब ये नेता तमिलनाडु के दौरे पर हों। सूत्रों ने बताया कि लिट्टे के काडर हमले को अंजाम देने के लिए तमिलनाडु के तटवर्ती क्षेत्रों से घुस सकते हैं।
कुछ परियोजनाओं के उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री की अगले माह चेन्नई की यात्रा प्रस्तावित है। श्रीलंका में दो दशक से ज़्यादा लंबे समय तक संघर्ष के बाद एक बार फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहा है। लिट्टे के ही आत्मघाती हमलावरों ने सन् 1991 में तमिलनाडु में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। एक अधिकारी ने कहा, लिट्टे अब एक कमजोर संगठन है और इसके सारे आला नेता श्रीलंकाई सेना के ऑपरेशन में मारे जा चुके हैं लेकिन कुछ सदस्यों के फिर से एकजुट होने की कोशिशों की खबर तकलीफदेह है। तमिलनाडु की डीजीपी लतिका सरन ने कहा कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने प्रधानमंत्री समेत कई वीवीआईपी पर हमले की साजिश के इनपुट दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन सूचनाओं के मद्देनजर राज्य पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां हमले की योजना की इस खुफिया सूचना को गंभीरता से ले रही हैं। तमिलनाडु पुलिस ने भी लिट्टे के खतरे की चेतावनी देते हुए केंद्र को एक रिपोर्ट भेजी है।
गुरुवार, 16 दिसंबर 2010
प्रधानमन्त्री लिट्टे के निशाने पर.
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