किसी भी परिस्थिति में दूसरों को यह मौक़ा न दें कि वह आपको इतना क्रोधित कर सके कि आप कुछ ऐसा कर बैठें कि बाद में पश्चाताप करना पड़े। बहुत से लोग जो क्रोध में अपना नियंत्रण खो बैठते है वे बाद में पछताते हैं कि उन्होंने क्या कर दिया| जो व्यक्ति अपने संवेगों पर नियंत्रण नहीं रख पाते, वे स्वयं के सबसे बड़े शत्रु हैं| जब आपको कोई पागल (क्रोधित) कर देता है इसका अर्थ यह है कि आपके अंदर की कोई ईच्छा अवरोधित हो रही है, अन्यथा कोई भी आपको क्रोधित नहीं कर सकता|
(श्री परमहंस योगानंद)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें