कुर्सियों पर प्रतीक स्वरूप नोबेल पुरस्कार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

कुर्सियों पर प्रतीक स्वरूप नोबेल पुरस्कार

चीन के मानवाधिकार कार्यकर्ता लिउ जियाओबो के नाम घोषित वर्ष 2010 का शांति का नोबेल पुरस्कार यहां आयोजित एक समारोह में प्रदान कर दिया गया। जियाओबो की अनुपस्थिति में उनकी स्मृति में मंच पर रखी गई दो खाली कुर्सियों पर प्रतीक स्वरूप पुरस्कार रख दिया गया।

पुरस्कार ग्रहण करने के लिए जियाओबो की ओर से मंच पर कोई मौजूद नहीं था। ऐसी स्थिति में नोबेल समिति ने खाली कुर्सियों पर ही पुरस्कार रख 
कर पुरस्कार प्रदान किए जाने की रस्म निभाई। पुरस्कार समारोह में भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों के राजदूत और प्रतिनिधि मौजूद थे।

नोबेल समिति ने जियाओबो को मानवाधिकार का अगुआ करार दिया और कहा कि उन्होंने मानवाधिकारों की लड़ाई लड़ कर चीन में कोई अपराध नहीं 
किया है। समिति ने जियाओबो की रिहाई की पुरजोर मांग की। इस पर सभागार में उपस्थिति जनसमूह ने काफी देर तक तालियां बजा कर इस मांग का समर्थन किया।

ज्ञात हो कि जियाओबो फिलहाल चीन में कैद हैं। वह चीन सरकार द्वारा मुकर्रर 11 वर्ष के कारावास की सजा भुगत रहे हैं। चीन ने जियाओबो को 
नोबेल पुरस्कार दिए जाने का विरोध किया है। उसने दुनिया के सभी देशों से नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार करने का आह्वान किया था। भारत के पड़ोसी श्रीलंका और नेपाल ने समारोह में अपने राजदूतों को नहीं भेजना का फैसला किया था

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