सेना का आधुनिकीकरण संतोष प्रद नहीं. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

सेना का आधुनिकीकरण संतोष प्रद नहीं.

रक्षा मंत्री एके एंटनी सेना के आधुनिकीकरण की गति से खुश नहीं हैं। सैन्य आधुनिकीकरण की गति पर बेबाक शब्दों में असंतोष जाहिर करते हुए उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा रक्षा बजट में भारी-भरकम आवंटन के बावजूद इस क्षेत्र में वांछित परिणाम नहीं मिले हैं। एंटनी ने आदर्श घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ा रुख भी साफ कर दिया है।  

बुधवार को यहां कोठारी सभागार में आयोजित एयरोस्पेस सेमिनार में उन्होंने कहा कि सेना का आधुनिकीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है लेकिन इसकी गति मंद है। एंटनी ने कहा कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन बढ़ाए बिना इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर पाना संभव नहीं है। 

उन्होंने कहा कि देश में रक्षा उत्पादन नीति को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच बेहतर तालमेल व प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत रखरखाव, मरम्मत एवं ओवरहालिंग के लिए आदर्श गंतव्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि हर तरह की विसंगति दूर करने के लिए उत्पादन प्रक्रियाओं में सालाना संशोधन किया जा रहा है।

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि केंद्र सरकार और सेना कोलाबा के बहुचर्चित आदर्श आवास घोटाले में गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे। जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी आरोप लगते हैं, उनकी जांच की जाती है। दोष सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई होनी निश्चित है। सेना के मुकाबले कोई अन्य एजंसी इतनी कड़ी कार्रवाई नहीं करती। उन्होंने कहा कि मामले की तह तक जाकर जवाबदेही तय करने के लिए सेना व सीबीआई मामले की अलग-अलग जांच कर रही हैं।  

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल प्रदीप वसंत नाईक ने कहा है कि दूसरे देशों से आयातित साजो-सामान व रक्षा उपकरणों पर स्थायी निर्भरता के बूते किसी देश की पहचान ताकतवर सैन्य शक्ति के रूप में नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अपने एजेंडे व अकांक्षाओं की पूर्ति के लिए लंबे समय तक आयात के रहमोकरम पर रहना ठीक नहीं है। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एयरोस्पेस पर पांचवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में रक्षा मंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए नाईक ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में हमारी प्रगति आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के अनुरूप नहीं है।

इन हालात में स्वदेशी शोध एवं विकास के जरिए ही आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस उद्योग को आत्मनिर्भरता का महत्व समझना होगा। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार को भी इस काम में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत संशोधन किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वदेशी हल्के युद्धक विमान तेजस अगले साल के मध्य तक वायु सेना में शामिल हो जाएंगे।

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