यूरोप में कड़ाके की सर्दी के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की मांग बढ़ने के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम में 1.5-2 रुपए का इजाफा कर सकती हैं। साथ ही डीजल की कीमत में भी 2 रुपए तक की बढ़ोतरी की जा सकती हैं। उधर, तेल एवं प्राकृतिक गैस सचिव एस. सुन्दरेशन ने कहा है कि डीजल की कीमत में वृद्धि के संबंध में जल्दी ही फैसला कर लिया जायेगा।
श्री सुन्दरेशन ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि डीजल की कीमतों में बढोतरी के संबंध में सरकार जल्दी ही फैसला कर सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर डीजल बेचने और सब्सिडी को घटाने के लिए सरकार यह कदम उठा सकती है। हालांकि उन्होंने दोहराया कि सरकार का डीजल की कीमतों को नियंत्रण से मुक्त करने का तुरन्त कोई इरादा नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाने के बाद तेल विपणन कंपनियों को मौजूदा स्तर पर डीजल की बिक्री में 4.80 रुपए प्रति लीटर का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के नरम पड़ने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। इसे देखते हुए हमारा मानना है कि सरकार को इस संबंध में जल्दी कोई फैसला ले लेना चाहिए।
सरकार ने इस वर्ष जून में पेट्रोल की कीमत को प्रशासनिक मूल्य प्रणाली से अलग कर दिया था। इसके साथ ही डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमतों में वृद्धि की गई थी। सरकार ने डीजल के दामों पर से भी धीरे-धीरे नियंत्रण हटाने का वायदा किया था।मीडिया के एक वर्ग में छपी इन खबरों पर कि तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो रुपए प्रति लीटर वृद्धि करने की योजना बना रही है। पेट्रोलियम सचिव ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। श्री सुन्दरेशन ने कहा कि लागत से कम कीमत पर उत्पादन बेचने से सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को चालू वित्त वर्ष में होने वाला नुकसान 65 हजार करोड़ तक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल डीजल के दामों को नियंत्रण मुक्त कर सारा बोझ उपभोक्ताओं पर डालना संभव नहीं है क्योंकि इससे कीमतों में एकाएक भारी वृद्धि हो जायेगी। उपभोक्ताओं को कुछ बोझ सहने के लिए तैयार रहना होगा। यूरोप में कड़ाके की सर्दी के चलते तेल की मांग तेजी से बढ़ी है और दाम 88 से 90 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर बने हुए हैं। कीमतों में और वृद्धि की आशंका बनी हुई है।
बुधवार, 8 दिसंबर 2010
पेट्रोल की कीमत में बढ़ोत्तरी.
Tags
# देश
Share This
About Kusum Thakur
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें