दोहे और उक्तियाँ !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

दोहे और उक्तियाँ !!


दूसरे लोगों के व्यवहार के विषय में सोचे बिना

अपने अंतस में देवत्व का प्रयत्न करो| निष्ठावान,

दयालु, प्रिय और समझदार बनो| जो व्यक्ति

अच्छाई के प्रति उत्तरदाई नहीं है, वह आपके

ध्यान का केंद्रबिंदु नहीं होना चाहिए|

(श्री परमहंस योगानंद)

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