चीन ने भारत सहित तमाम देशों को धमकी दी थी कि नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में जो देश हिस्सा लेंगे, उन्हें चीन सबक सिखाएगा। भारत को यहां तक कहा गया था कि अगर वह समारोह में अपना प्रतिनिधि भेजता है तो वेन जियाबाओ की भारत यात्रा पर इसका असर पड़ सकता है। चीनी प्रधानमंत्री वेन इसी महीने भारत आने वाले हैं।
चीन की चेतावनी के बाद पाकिस्तान, सऊदी अरब और अफगानिस्तान जैसे करीब १८ देशों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। जबकि, श्रीलंका और अल्जीरिया ने नोबेल समिति के निमंत्रण का कोई जवाब नहीं दिया है।
जानकार मान रहे हैं कि भारत नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने के फैसले के जरिए चीन से सौदेबाजी़ कर सकता है। चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की १५ दिसंबर से शुरू हो रही यात्रा से पहले भारत इस फैसले का कूटनीतिक इस्तेमाल करना चाहेगा। हालांकि, मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में भारत की हिस्सेदारी पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें