अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने औपचारिक तौर पर बीसीसीआई को सूचित कर दिया है कि भारत और इंग्लैंड के बीच 27 फरवरी को होने वाला विश्व कप मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में आयोजित नहीं किया जा सकता। बीसीसीआई ने विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि आईसीसी ने सूचित किया है कि 27 फरवरी को ईडन गार्डन में मैच का आयोजन नहीं किया जा सकता है। क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि उसने मैच के लिए वैकल्पिक स्थान के तौर पर बेंगलूरू की सिफारिश की है।
बीसीसीआई के सचिव और भावी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने विज्ञप्ति में कहा कि आईसीसी ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि भारत और इंग्लैंड के बीच आईसीसी विश्व कप का 27 फरवरी 2011 को होने वाला मैच ईडन गार्डन में नहीं खेला जाएगा। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने वैकल्पिक स्थान के तौर पर बेंगलूरू की सिफारिश की है। ईडन गार्डन को मैच दिलाने के लिए पिछले दो दिन से काफी राजनीतिक उठापटक हुई लेकिन आईसीसी के फैसले की घोषणा के साथ ही सारे प्रयासों पर पानी फिर गया।
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का आखिर समय के प्रयासों का भी कोई परिणाम नहीं निकला। सुबह से बंगाल क्रिकेट संघ में यह कयास लगाए जा रहे थे कि आईसीसी काम पूरा करने के लिये समयसीमा सात फरवरी तक बढ़ाने के लिए मान जाएगी। कैब अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने आईसीसी प्रमुख शरद पवार के साथ टेलीफोन पर बात की जिससे उम्मीद की किरण जगी क्योंकि आश्वासन दिया गया था कि आईसीसी उन्हें ई-मेल भेजकर बताएगी कि स्टेडियम में क्या क्या करना है।
आईसीसी के फैसले से निराश डालमिया ने कहा कि मैंने पवार, एन श्रीनिवासन, अरुण जेटली, रत्नाकर शेट्टी से पांच से छह बाहर बात की। पवार ने मुझे बताया कि वह कहां हैं और दोपहर बाद ढाई बजे के आसपास कहा कि आधे घंटे के अंदर पत्र आ जाएगा। हमें अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। कैब के लिये यह करारा झटका है क्योंकि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का हस्तक्षेप भी काम नहीं आया। डालमिया आईसीसी के फैसले से इतने निराश थे कि वह ईडन गार्डन में अपने चैम्बर से बाहर नहीं आये। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत काम करने हैं और आज मीडिया से बात नहीं कर सकता। संघ के संयुक्त सचिव बिश्वरूप डे ने हालांकि स्वीकार किया कि ईडन गार्डन को अब मैच नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि हमें समयसीमा बढ़ाये जाने की उम्मीद थी लेकिन अब लगता है कि सभी उम्मीदें खत्म हो गई हैं। मैं बोलने की स्थिति में नहीं हूं। यदि मुख्यमंत्री के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से काम नहीं बन सकता तो फिर मैं क्या कह सकता हूं। लेकिन मैं बीसीसीआई की बैठक में यह सवाल जरूर उठाउंगा कि बेंगलूरू को भारत के दो मैच कैसे मिल गए जबकि यह फैसला किया गया था सभी केंद्रों को एक एक मैच मिलेगा।
डालमिया ने कहा कि वह आईसीसी के उस पत्र का इंतजार कर रहे हैं जिसमें ईडन गार्डन से मैच छीनने के कारण बताए गए हों। उन्होंने कहा कि यह कोई छिपा हुआ खजाना नहीं है लेकिन कम से कम यह जानना चाहेंगे कि हमें मौका क्यों नहीं दिया गया। यह महज वाजिब आग्रह है। 25 जनवरी को निरीक्षण के बाद उन्हें तीन या चार चीजों के बारे में बताया गया जो कि पूरी तरह से तैयार नहीं थी। हम जानना चाहते हैं कि आईसीसी क्या चाहती थी और उसकी चिंताएं क्या थी। हमारी गलती क्या थी। हम सभी निराश हैं लेकिन हमने विनम्र आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैं शनिवार को प्रणब मुखर्जी से भी मिला क्योंकि मैं चाहता था कि वह भी स्थिति से अगवत हो जाएं। मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या हम दोषी हैं। मैं नहीं जानता कि क्या किसी तरह का राजनीतिक दबाव था। इस अवसर पर मौजूद पीडब्ल्यूडी मंत्री क्षिति गोस्वामी ने डालमिया का पूरा समर्थन किया और कहा कि वे कल मैच का आयोजन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि आईसीसी ने उस स्थान से मैच क्यों छीना जो 95 प्रतिशत तैयार था। केवल फिनिशिंग टच दिया जाना बाकी था। हम आईसीसी के मेल का इंतजार कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि ऐसा क्यों किया गया।
गोस्वामी ने इसके पीछे साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि स्टेडियम तैयार करने के बावजूद यदि मैच छीना जाता है तो हमें लगेगा कि इसके पीछे कुछ निहित स्वार्थ है। हम खेलों से प्यार करने वाले लोग हैं। भारत या विश्व में कहीं भी दर्शकों का ऐसा समर्थन नहीं मिलेगा जितना ईडन गार्डन में मिलता है। हम कभी व्यावसायिक मानसिकता के नहीं रहे। हो सकता है कि मैच छीनने के पीछे यह एक कारण रहा हो।
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