सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवराज वी. पाटील ने वर्ष 2001 से 2009 के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अपनाए गए नियमों के बारे में अपनी रिपोर्ट सोमवार को सरकार को सौंप दी। न्यायमूर्ति पाटील ने अपनी रिपोर्ट में कुछ उन अधिकारियों के नाम भी लिए हैं जिनके स्तर पर लापरवाही बरती गई।
सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद एक सदस्यीय जांच समिति के प्रमुख पाटील ने कहा, "हमने कुछ उन अधिकारियों की पहचान की है जिनके स्तर पर कमियां और खामियां थीं। हमने सुधार के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं।"इस एक सदस्यीय समिति का गठन करने वाले संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि 150 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में कई चीजें हैं और सही समय पर इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
सिब्बल ने कहा, "बेहद कम समय में रिपोर्ट सौंपने के लिए मैं न्यायमूर्ति पाटील को धन्यवाद देता हूं। हम रिपोर्ट का परीक्षण करेंगे और सभी जरूरी कदम उठाएंगे।"यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब सरकार नई दूरसंचार नीति बनाने वाली है।इस एक सदस्यीय समिति को वर्ष 1999 में नई दूरसंचार नीति बनाने की परिस्थितियों और वर्ष 2001 से स्पेक्ट्रम और दूरसंचार लाइसेंस जारी करने के मामले में अपनाई गई आंतरिक प्रक्रियाओं की समीक्षा करनी थी।
सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद एक सदस्यीय जांच समिति के प्रमुख पाटील ने कहा, "हमने कुछ उन अधिकारियों की पहचान की है जिनके स्तर पर कमियां और खामियां थीं। हमने सुधार के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं।"इस एक सदस्यीय समिति का गठन करने वाले संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि 150 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में कई चीजें हैं और सही समय पर इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
सिब्बल ने कहा, "बेहद कम समय में रिपोर्ट सौंपने के लिए मैं न्यायमूर्ति पाटील को धन्यवाद देता हूं। हम रिपोर्ट का परीक्षण करेंगे और सभी जरूरी कदम उठाएंगे।"यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब सरकार नई दूरसंचार नीति बनाने वाली है।इस एक सदस्यीय समिति को वर्ष 1999 में नई दूरसंचार नीति बनाने की परिस्थितियों और वर्ष 2001 से स्पेक्ट्रम और दूरसंचार लाइसेंस जारी करने के मामले में अपनाई गई आंतरिक प्रक्रियाओं की समीक्षा करनी थी।
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