सी सी एच एफ (Crimean-Congo Hemorrhagic Fever) एक जान लेवा बीमारी है जिसका पता सर्वप्रथम 1944 में क्रीमिया और 1956 में कोंगो में चला था. अतः उन दोनों जगहों के नाम पर इसे क्रीमिया कोंगो हेमोरैगिक फीवर का नाम दिया गया. तेज़ बुखार और प्लेटलेट की मात्र में गिरावट इसके प्रमुख लक्षण हैं. यह एक जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी में मृत्यु दर 90% तक हो सकती है .
इसके लक्षण बहुत कुछ डेंगू से मिलते हैं और इसके वायरस गाय बकरी एवम भेड़ों में पाए जाते हैं. मनुष्य में यह बीमारी बहुत जल्दी फैलता है. यह शरीर के विभिन्न अगों और मष्तिष्क को भी प्रभावित करता है जिसके कारण मरीज़ के शरीर में ऐठन और मिर्गी के लक्षण पाए जाते हैं.
पुणे के नॅशनल इंस्टीच्युट ऑफ वाइरोलॉजी(NIV) ने देश के पहले सी सी एच एफ (Crimean-Congo Hemorrhagic Fever) की पुष्टि की है. सर्व प्रथम इस जान लेवा बीमारी को गुजरात के सानंद में एक महिला में पाई गई, जिसकी जान चली गई. तदुपरान्त इस बीमारी से पीड़ित महिला का इलाज कर रहे डॉक्टर और नर्स की भी जान चली गई.
बुधवार, 19 जनवरी 2011
एक जानलेवा बीमारी भारत में पाया गया.
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2 टिप्पणियां:
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (20/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
upyogi jankari ke liye aabhar.
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