बिहार के वित्त वर्ष 2011-2012 का बजट उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया. इस बजट में कुल 65 हजार 325 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 12 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है. बजट में वैट का प्रस्ताव भी है.
सुशील मोदी ने बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य में वैट बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है. पहले जिन वस्तुओं पर चार प्रतिशत वैट लगाया जा रहा था वह अब बढ़ाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा. इससे सिगरेट, बीड़ी, इलेक्ट्रॉनिक सामान और सौंदर्य प्रसाधन महंगे हो जाएंगे. वित्त मंत्री नेधान, चावल, आटा तथा गेहूं से कर हटाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे ये वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी.
वर्ष 2011-12 में बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यानदिया जाएगा. अगले वित्त वर्ष में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसके लिए 129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलाव ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपये तथा जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है. बजट में पर्यटन क्षेत्रों के विकास का प्रस्ताव है तथा मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत साइकिलों की खरीद के लिए प्रति साइकिल 2000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 2500 रुपये करने का प्रस्ताव है.
बजट के अनुसार इस वर्ष ऊर्जा के क्षेत्र में जहां 1,086 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, वहीं पथ निर्माण पर कुल 3,800 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा बाढ़ रोकने के लिए 333 करोड़ रुपये तथा ग्रामीण विकास कार्य के लिए 1,352 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक शिक्षा ऋण योजना शुरू की जाएगी. साथ ही पटना में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक संग्रहालय और वैशाली में बुद्ध संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें