दोहे और उक्तियाँ !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 31 मार्च 2011

दोहे और उक्तियाँ !!

मित्र न तो किसी को प्रसन्नता दे सकता है

और न शत्रु किसी को दुःख दे सकता है|

न बुद्धिमत्ता से धन मिलता है और न धन से शान्ति|

प्रत्येक कार्य ईशवरीय इच्छा पर निर्भर होता है|

कहा भी है- ’कोऊ न काहू सुह दुःख कर

दाता, निज कृत कर्म भोग सब भ्राता’

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