अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि जब तक कर्नल गद्दाफ़ी सत्ता नहीं छोड़ देते तब तक लीबिया एक ख़तरनाक जगह बना रहेगा. वाशिंगटन के नेशनल डिफ़ेंस यूनिवर्सिटी में बोलते हुए ओबामा ने कहा कि अमरीका ने तानाशाह कर्नल गद्दाफ़ी की सेना से अनगिनत लोगों की जान बचाई है. अंतरराष्ट्रीय गठबंधन सेना का उद्देश्य केवल लीबियाई नागरिकों की जान बचाना है और इस अभियान में बल प्रयोग से वहां सत्ता परिवर्तन को शामिल करना एक ग़लती होगी. लीबिया पर गठबंधन सेना के अभियान की शुरूआत के बाद पहली बार ओबामा आधिकारिक तौर पर बयान दे रहे थे.
ओबामा ने कहा,'' इसमें कोई शक नहीं कि गद्दाफ़ी के बेग़ैर लीबिया ज़्यादा बेहतर स्थिति में होगा, लेकिन सैनिक अभियान के लक्ष्य को बढ़ाकर उसमें सत्ता परिवर्तन को शामिल करना एक ग़लती होगी.'' अमरीका में इस बात को लेकर ओबामा की आलोचना हो रही है कि लीबिया में अमरीका का मुख्य उद्देश्य क्या है ये साफ़ नहीं है.
ताज़ा आंकड़ो के मुताबिक़ 47 प्रतिशत अमरीकी मानते हैं कि लीबिया में अमरीकी हस्तक्षेप सही था, 36 प्रतिशत के अनुसार ये ग़लत है और 17 प्रतिशत ने कोई राय नहीं दी. अपनी आलोचना को ख़ारिज करते हुए ओबामा ने कहा कि अमरीकियों को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि लीबिया में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप ने बेनग़ाज़ी में नागरिकों को गद्दाफ़ी की सेना के हाथों नरसंहार से बचाया है. उन्होंने विश्वास जताया कि गठबंधन सेना के नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी गद्दाफ़ी की सेना पर सैनिक दबाव बना रहेगा. शुरुआती अभियान का नेतृत्व करने के बाद अमरीका बुधवार को गठबंधन सेना के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी नेटो को सौंप देगा. ओबामा का यह बयान लीबिया पर लंदन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से कुछ ही घंटे पहले आया है. इस सम्मेलन में दर्जनों देश और संगठन भाग ले रहे हैं. लीबिया में कर्नल गद्दाफ़ी के विरोधी भी इसमें शामिल हो रहे हैं लेकिन लीबिया सरकार ने इसका बहिष्कार किया है.
संयुक्त राष्ट्र, नेटो, अफ़्रीक़ी संघ, अरब लीग से लगभग 40 प्रतिनिधि लीबिया के भविष्य पर चर्चा करेंगे. लीबिया के उपविदेश मंत्री ख़ालिद कायम ने सम्मेलन में भाग लेने वालों से अपील की है कि वो युद्ध के बजाए शांति की वकालत करें. ख़ालिद कायम ने कहा कि विदेशी राज्यों को लीबिया को गृह युद्द की ओर नहीं धकेलना चाहिए और केवल लीबिया की जनता को ही लीबिया का भविष्य तय करने का अधिकार है. सम्मेलन शुरू होने से कुछ देर पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने गद्दाफ़ी के समर्थकों से कहा कि वो गद्दफ़ी का साथ छोड़ दें.
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