भारत और पाक के गृहसचिवों के बीच दो दिनों की बातचीत के बाद कुछ अहम मुद्दों पर सहमति बन गई है। पाकिस्तान मुंबई हमले के दोषियों से पूछताछ की इजाजत देने के लिए तैयार हो गया है। मुंबई हमले की जांच करने भारतीय आयोग पाक जाएगा। बातचीत के बाद आशा किया जा रहा है कि मुंबई हमले की जांच के लिए पाक की जेल में बंद लश्कर के आतंकी जकी उर रहमान लखवी से भी भारतीय दल पूछताछ करेगा। जो मुंबई हमले का मास्टर माइंड था। समझौता ब्लास्ट की सूचनाएं भी दोनों देश एक दूसरे से साझा करेंगे। उधर पाक आयोग भारत जांच करने आएगा।
एनआईए और एफआईए मुंबई हमले की जांच में सहयोग करेंगे। अब दोनो देशों के गृह सचिवों के बीच हॉट लाइन वार्ता शुरू होगी। नौ महीनों के बाद हुई इस बातचीत से बाद में होने वाली समग्र वार्ता प्रक्रिया का रास्ता खुल गया है। यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मोहाली में मैच देखने के बहाने भारतीय प्रधानमंत्री से मिलेंगे। दोनों देशों के गृह सचिवों के बीच कुछ मसलों ही सही आखिर सहमति का बनना एक सकारात्मक पहल के रुप में दिखाई दे रहा है।
जून 2010 को इस्लामाबाद में हुई विदेश सचिवों की बैठक में शांति वार्ता में अड़चन बन रहे आतंकवाद पर चर्चा की गई। 15 जुलाई 2010 को विदेश मंत्री एमएस कृष्णा व पाक के विदेश मंत्री शाह मुहम्मद कुरैशी ने बैठक में फैसला किया कि पाक की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा। 6 फरवरी 2011 को थिंपू में विदेश सचिवों की 90 मिनट की बैठक में विश्वास और आपसी तालमेल को दृढ़ बनाने पर सहमति बनी।
एनआईए और एफआईए मुंबई हमले की जांच में सहयोग करेंगे। अब दोनो देशों के गृह सचिवों के बीच हॉट लाइन वार्ता शुरू होगी। नौ महीनों के बाद हुई इस बातचीत से बाद में होने वाली समग्र वार्ता प्रक्रिया का रास्ता खुल गया है। यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मोहाली में मैच देखने के बहाने भारतीय प्रधानमंत्री से मिलेंगे। दोनों देशों के गृह सचिवों के बीच कुछ मसलों ही सही आखिर सहमति का बनना एक सकारात्मक पहल के रुप में दिखाई दे रहा है।
जून 2010 को इस्लामाबाद में हुई विदेश सचिवों की बैठक में शांति वार्ता में अड़चन बन रहे आतंकवाद पर चर्चा की गई। 15 जुलाई 2010 को विदेश मंत्री एमएस कृष्णा व पाक के विदेश मंत्री शाह मुहम्मद कुरैशी ने बैठक में फैसला किया कि पाक की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा। 6 फरवरी 2011 को थिंपू में विदेश सचिवों की 90 मिनट की बैठक में विश्वास और आपसी तालमेल को दृढ़ बनाने पर सहमति बनी।
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