राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने हत्या के दो मुजरिमों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। लेकिन संसद पर हमला मामले में मौत की सजा प्राप्त अफजल गुरु व अन्य की क्षमादान याचिकाएं अभी भी लंबित हैं।
महाराष्ट्र निवासी एसबी पिंगले को 1997 में दो लोगों की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। पुणो सेशन कोर्ट के फैसले की पुष्टि बॉम्बे हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट ने की थी। मध्यप्रदेश निवासी जयकुमार को अपनी भाभी तथा पुत्री की हत्या के जुर्म में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। बाद में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट तथा शीर्ष कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा था।
संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को मौत की सजा प्राप्त मुजरिम को क्षमादान देने या उसकी सजा बदलने का अधिकार है। वे इस शक्ति का इस्तेमाल केंद्र सरकार की सिफारिश के अनुरूप करती हैं।
महाराष्ट्र निवासी एसबी पिंगले को 1997 में दो लोगों की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। पुणो सेशन कोर्ट के फैसले की पुष्टि बॉम्बे हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट ने की थी। मध्यप्रदेश निवासी जयकुमार को अपनी भाभी तथा पुत्री की हत्या के जुर्म में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। बाद में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट तथा शीर्ष कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा था।
संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को मौत की सजा प्राप्त मुजरिम को क्षमादान देने या उसकी सजा बदलने का अधिकार है। वे इस शक्ति का इस्तेमाल केंद्र सरकार की सिफारिश के अनुरूप करती हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें