आंखों के महत्वपूर्ण अवयव रेटिना को प्रयोगशाला में बना पाने में वैज्ञानिकों ने पहली बार सफलता पाई है। स्टेम कोशिकाओं की मदद से मिली इस कामयाबी से लाखों नेत्रहीन लोगों में आशा का संचार होगा। जापान के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मिली इस सफलता के बारे में कहा कि आंखों की रोशनी जाने का सबसे बड़ा कारण उम्र के साथ होने वाला क्षय है और इससे पीड़ित लोगों को नए अनुसंधान से मदद मिलेगी।
कोब के रिकेन सेंटर फॉर डेवलपमेंटल बायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग किए और खाली अपरिपक्व स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया जो शरीर के किसी भी कोशिका में तब्दील हो सकता है। उन्होंने उन कोशिकाओं में प्रोटीन और रसायनों का मिश्रण तैयार कर आंखों के हिस्से तैयार किए। हालांकि अभी रेटिना पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है और पैदा होने वाले शिशु के जन्म से पहले वाली अवस्था में है।
कोब के रिकेन सेंटर फॉर डेवलपमेंटल बायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग किए और खाली अपरिपक्व स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया जो शरीर के किसी भी कोशिका में तब्दील हो सकता है। उन्होंने उन कोशिकाओं में प्रोटीन और रसायनों का मिश्रण तैयार कर आंखों के हिस्से तैयार किए। हालांकि अभी रेटिना पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है और पैदा होने वाले शिशु के जन्म से पहले वाली अवस्था में है।

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