जापान के उत्तर पूर्वी मियागी प्रांत में गुरुवार देर रात आए 7.4 तीव्रता के भूकंप के बाद इलाके में सुनामी की चेतावनी दी गयी परन्तु फिर उसे वापस ले ली गई। जापान की एजेंसी एनएचके के मुताबिक मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी करते हुए प्रशांत महासागर के मियागी के तटीय इलाकों और अन्य प्रांतों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। एजेंसी ने शुक्रवार सुबह सभी तरह की चेतावनी वापस ले लीं। जापान में भूंकप से बुरी तरह तबाह हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र में गुरुवार को 7.4 तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके कारण अधिकारियों ने फौरन सुनामी चेतावनी जारी कर दी।
देश में पिछले दिनों आई सुनामी का शिकार बने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में बचावकर्मियों ने गुरुवार को पंप के जरिये एक रिएक्टर में नाइट्रोजन गैस भरी ताकि एक अन्य हाइड्रोजन विस्फोट को रोका जा सके। अधिकारी संयंत्र से हो रहे विकिरण को देखते हुए फंसे हुए लोगों को बाहर निकाले जाने वाले क्षेत्र के दायरे में विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। जापान में गुरुवार को आये भूकंप का केन्द्र पानी के 140 किलोमीटर भीतर था। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए अधिकारियों ने तीन फुट उंची सुनामी लहरें उठने की चेतावनी जारी कर दी है। यह भूंकप मियागी क्षेत्र में आया जो फुकुशिमा से 118 किमी उत्तर में बसा है।
जापान के राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता एनएचके ने कहा कि भूकंप का प्रभाव तोक्यो में भी महसूस किया गया। उसने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने को कहा है। समाचार एजेंसी क्योदो के अनुसार जानमाल के नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। 11 मार्च को आये शक्तिशाली भूकंप और विनाशकारी सुनामी के बाद पहली बार पुलिस ने दुर्घटना का शिकार बने संयंत्र के 10-20 किमी के दायरे के भीतर लापता हुए 2500 लोगों की तलाश का अभियान शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में विकिरण के भारी खतरे को देखते हुए अभी तक लोगों को निकाले जाने का अभियान शुरू नहीं किया गया था। परमाणु रिएक्टरों में बढ़ते तापमान को कम करने के लिए भारी मशक्कत में जुटे जापान से अब तक कुल दो लाख 40 हजार लोग देश छोड़कर जा चुके हैं।
जापान के आव्रजन कार्यालय ने कहा कि त्रासदी आने के बाद देश में आने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या घटकर एक तिहाई रह गई है। भूकंप के पहले वाले एक हफ्ते के दौरान जापान में एक लाख 60 हजार विदेशी आये थे जब कि भूकंप के बाद वाले हफ्ते में इनकी संख्या घटकर 60 हजार रह गई और दूसरे हफ्ते में यह संख्या 50 हजार रह गई। राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता एनएचके ने यह जानकारी दी है। संकट में घिरे संयंत्र में परमाणु खतरा गहराने के बीच मुख्य कैबिनेट सचिव योकियो इडानो ने कहा कि लोगों को जिस क्षेत्र से बाहर निकाला जाना है, अधिकारी उसका दायरा बढ़ाये जाने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा 20 किमी के दायरे को बढ़ाया जा सकता है। माना जा रहा था कि इस दायरे में विकिरण हो सकता है। इडानो ने कहा कि लोगों को बाहर निकालने का मौजूदा आदेश उन क्षेत्रों पर लागू होता है जहां लोगों के 50 मिलीसिएवरेटस तक प्रभावित होने का खतरा है। उन्होंने कहा, अब हम उन क्षेत्रों के बारे में किये जाने वाले प्रयासों पर गौर कर रहे हैं, जहां लंबे समय तक प्रभावित होने के कारण लोगों तक उक्त मात्रा पहुंच चुकी होगी।
देश में पिछले दिनों आई सुनामी का शिकार बने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में बचावकर्मियों ने गुरुवार को पंप के जरिये एक रिएक्टर में नाइट्रोजन गैस भरी ताकि एक अन्य हाइड्रोजन विस्फोट को रोका जा सके। अधिकारी संयंत्र से हो रहे विकिरण को देखते हुए फंसे हुए लोगों को बाहर निकाले जाने वाले क्षेत्र के दायरे में विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। जापान में गुरुवार को आये भूकंप का केन्द्र पानी के 140 किलोमीटर भीतर था। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए अधिकारियों ने तीन फुट उंची सुनामी लहरें उठने की चेतावनी जारी कर दी है। यह भूंकप मियागी क्षेत्र में आया जो फुकुशिमा से 118 किमी उत्तर में बसा है।
जापान के राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता एनएचके ने कहा कि भूकंप का प्रभाव तोक्यो में भी महसूस किया गया। उसने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने को कहा है। समाचार एजेंसी क्योदो के अनुसार जानमाल के नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। 11 मार्च को आये शक्तिशाली भूकंप और विनाशकारी सुनामी के बाद पहली बार पुलिस ने दुर्घटना का शिकार बने संयंत्र के 10-20 किमी के दायरे के भीतर लापता हुए 2500 लोगों की तलाश का अभियान शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में विकिरण के भारी खतरे को देखते हुए अभी तक लोगों को निकाले जाने का अभियान शुरू नहीं किया गया था। परमाणु रिएक्टरों में बढ़ते तापमान को कम करने के लिए भारी मशक्कत में जुटे जापान से अब तक कुल दो लाख 40 हजार लोग देश छोड़कर जा चुके हैं।
जापान के आव्रजन कार्यालय ने कहा कि त्रासदी आने के बाद देश में आने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या घटकर एक तिहाई रह गई है। भूकंप के पहले वाले एक हफ्ते के दौरान जापान में एक लाख 60 हजार विदेशी आये थे जब कि भूकंप के बाद वाले हफ्ते में इनकी संख्या घटकर 60 हजार रह गई और दूसरे हफ्ते में यह संख्या 50 हजार रह गई। राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता एनएचके ने यह जानकारी दी है। संकट में घिरे संयंत्र में परमाणु खतरा गहराने के बीच मुख्य कैबिनेट सचिव योकियो इडानो ने कहा कि लोगों को जिस क्षेत्र से बाहर निकाला जाना है, अधिकारी उसका दायरा बढ़ाये जाने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा 20 किमी के दायरे को बढ़ाया जा सकता है। माना जा रहा था कि इस दायरे में विकिरण हो सकता है। इडानो ने कहा कि लोगों को बाहर निकालने का मौजूदा आदेश उन क्षेत्रों पर लागू होता है जहां लोगों के 50 मिलीसिएवरेटस तक प्रभावित होने का खतरा है। उन्होंने कहा, अब हम उन क्षेत्रों के बारे में किये जाने वाले प्रयासों पर गौर कर रहे हैं, जहां लंबे समय तक प्रभावित होने के कारण लोगों तक उक्त मात्रा पहुंच चुकी होगी।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें