
सख्त जन लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए सामाजिक संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे गांधीवादी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरकार के अनौपचारिक समिति बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
गुरुवार दोपहर 1.30 बजे सरकार की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों समाजसेवी स्वामी अग्निवेश और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बातचीत में संयुक्त समिति के लिए अधिसूचना जारी करने और समिति के अध्यक्ष पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई, हालांकि दोनों पक्षों ने शुक्रवार को फिर से वार्ता करने पर सहमति जताई।
सरकार बिना अधिसूचना जारी किए एक संयुक्त समिति बनाने पर सहमत हो गई है, लेकिन अन्ना हजारे की मांग है कि इसके लिए सरकार बाकायदा अधिसूचना जारी करे। इसके अलावा आंदोलनकारी संयुक्त समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाने की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले गुरुवार की सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करने के बाद सिब्बल ने स्वामी अग्निवेश और केजरीवाल से बात की। पहले दौर की वार्ता को दोनों पक्षों ने सकारात्मक बताया था।
बातचीत के बाद संवाददाताओं से सिब्बल ने कहा था कि वह चाहते हैं कि अन्ना हजारे जल्द से जल्द अनशन खत्म करें, लेकिन उन्होंने बातचीत के बारे कोई विस्तृत जानकारी देने से इंकार किया था।
उधर, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाण, महराष्ट्र सहित देश के तमाम जगहों से अन्ना हजारे के समर्थन में लोग उपवास और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
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