छोटे गांवों की गरीब लड़कियों को जबरन देह व्यापार कराने के लिये बेचे दिये जाने की घटना नई नहीं है। ऐसी ही एक शर्मनाक वारदात रायपुर में सामने आई है। नागपुर के रेड लाइट एरिया से दूसरे क्षेत्र में बेचने के लिये ले जाई जा रही एक युवती सहित सभी दलालों को बस स्टैंड के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस गिरफ्तारी के बाद मानव तस्कर के एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस को सूचना मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग संदिग्ध परिस्थितियों में पंडरी बस स्टैंड के पास घूम रहे है।
सूचना पाकर पुलिस फौरन मौके पर पहुंच गई और तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने जब सभी से गंभीरता से पूछताछ की तो होश उड़ा देने वाला मामला प्रकाश में आया। पूछताछ पर पता चला कि तीनों अभियुक्त उडि़सा की रहने वाली 22 वर्षीय युवती को बेचने के लिये ले जा रहे थे। गिरफ्तार किये गये दलालों में एक महिला कमला बघेल और उसका पति नत्थु बघेल शामिल है। छानबीन पर पता चला कि कमला और नत्थु मिलकर जिस्मफरोशी का धंधा करते है पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों के तार काफी लम्बे हैं और यह सभी मानव तस्करी का काम करते हैं।
पीडि़त युवती ने बताया कि उसके मां-बाप बचपन में ही गुजर गये थे। उसके बाद से वह दूसरों के घर में चौका बर्तन कर अपना पेट पालती थी। उसने पुलिस को बताया कि इस दौरान उसकी मुलाकात तीन युवकों से हुई। उसने तीनों का नाम गोविंद, गुटी गाडा, राजकुमार के रूप में बातया। पीडि़ता ने बताया कि तीनों युवकों ने उससे बोला कि नागपुर में उसका दोस्त है वह उससे उसकी शादी करा देंगे। गरीब को सहारा दिखा और वह उनपर भरोसा कर नागपुर आ गई। नागपुर आने के बाद तीनों युवकों ने कमला बघेल व नत्थु बघेल से 1.20 लाख में उसका सौदा कर दिया और 20 हजार नगद ले लिया व 1 लाख चार माह बाद लेने की बात कही। उसने पुलिस को बताया कि राजकुमार ने एक साल पूर्व अपनी खुद की बेटी को भी नागपुर में देह व्यापार के धंधे में रुपए की लालच में धकेल दिया था।
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