गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को दी गई वाय श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि भट्ट की सुरक्षा करना गुजरात सरकार का दायित्व है। इसी महीने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में भट्ट ने आरोप लगाया था कि 27 फरवरी 2002 को मुख्यमंत्री के निवास पर हुई बैठक में मोदी ने आपत्तिजनक निर्देश दिए थे।
भट्ट ने कहा था कि उस बैठक में वे भी मौजूद थे। इस खुलासे के भट्ट ने अपनी व परिवार की जान को खतरा बताया था। सुरक्षा वापस लिए जाने के खिलाफ भट्ट ने तत्काल ही राज्य के डीजीपी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने यह आरोप लगाया है कि एसआईटी ने कई बार उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा है लेकिन सरकार जानबूझकर ऐसे कदम उठा रही है जिससे उनकी तथा परिवार की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इस मामले में चिदंबरम ने एक प्रेसवार्ता में कहा, भट्ट ने सुरक्षा की मांग की है जो मैं उन्हें मुहैया नहीं करा सकता, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। चूंकि वह एक आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने अपनी जान को खतरा भी बताया है इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए।
संजीव भट्ट ने कहा कि उन्होंने जो किया वह सही है। सत्य से डर रहे लोगों ने उनकी सुरक्षा वापस लेने का काम किया है। भट्ट ने यह भी कहा कि वे अपनी सुरक्षा खुद करने में सक्षम हैं। दूसरी तरफ डीजीपी चितरंजन सिंह ने कहा है कि भट्ट की पोस्टिंग जूनागढ़ में है और यदि वे जूनागढ़ में ड्यूटी पर हाजिर होने का दावा करते हैं तो उनको मिलने वाली सुरक्षा व्यवस्था मुख्य निवास स्थान पर ही मिलेगी अहमदाबाद में नहीं।
1 टिप्पणी:
ये सत्यवादी महाराज अब तक कहाँ सो रहे थे ? कांग्रेस का दल्ला कहीं का !!
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