टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितता की जांच कर रही संसद की लोक लेखा समिति ने सोमवार को रतन टाटा और नीरा राडिया से पूछताछ की।
समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि शीर्ष उद्योगपति ने जहां टैप किए गए फोन में अपनी आवाज होने की बात स्वीकार की, वहीं कॉरपोरेट लॉबीस्ट का सवालों को लेकर रूख टालमटोल वाला रहा।
समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि शीर्ष उद्योगपति ने जहां टैप किए गए फोन में अपनी आवाज होने की बात स्वीकार की, वहीं कॉरपोरेट लॉबीस्ट का सवालों को लेकर रूख टालमटोल वाला रहा।
नीरा से करीब दो घंटे और टाटा से तीन घंटे लंबी पूछताछ के बाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि वैष्णवी कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस की अध्यक्ष नीरा अधिकतर सवालों के जवाब देने में हिचक रही थीं, जबकि उद्योग समूह टाटा सन्स के अध्यक्ष रतन टाटा ने सभी सवालों के जवाब खुलकर दिए और स्वीकार किया कि जिन टेपों की बात हो रही है, उनमें आवाज उन्हीं की है। जोशी ने कहा कि जब नीरा से यह पूछा गया कि क्या टैप किए गए फोन में आवाज उन्हीं की है तो उनके जवाब कुछ इस तरह के थे कि 'मेरे लिए यह कह पाना मुश्किल है कि बातचीत किस संदर्भ में हुई थी', 'मैं नहीं जानती' और 'मुझे याद नहीं आता।Ó पीएसी अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि, नीरा ने स्वीकार किया कि वह 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की सीबीआई जांच के मामले में गवाह हैं और जांच एजेंसी ने उन्हें कुछ टेप भी सुनाए थे। जोशी ने कहा, हमने नीरा राडिया से उन टेपों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है जो उन्हें सीबीआई ने सुनाए थे। इन टेपों के विवरणों पर गौर करने के बाद ही समिति यह फैसला करेगी कि क्या नीरा राडिया को दोबारा बुलाने की जरूरत है। पीएसी के 12 सदस्यों की मौजूदगी में आज हुई 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर केंद्रित इस बैठक में सुबह के सत्र में दो घंटे नीरा से पूछताछ की गई। उन्हें 11 बजे का समय दिया गया था लेकिन सदस्यों के बीच आपसी चर्चा के कारण वैष्णवी कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस की प्रमुख से दोपहर 12 बजे से पूछताछ शुरू हुई जो दो घंटे चली।
अपराह्न तीन बजे टाटा सन्स के अध्यक्ष से पूछताछ शुरू हुई जो तय समय से ज्यादा वक्त तक चली और शाम करीब छह बजे खत्म हुई। जोशी ने कहा, राडिया के जवाबों में अस्पष्टता और हिचकिचाहट थी। टाटा से किए गए सवालों पर उन्होंने कहा, टाटा ने सवालों के साफ-साफ और खुलकर जवाब दिए और स्वीकार किया कि जिन टेपों की बात हो रही है, उनमें आवाज उन्हीं की है। टेप के बारे में टाटा का क्या जवाब था, इस पर पीएसी अध्यक्ष ने कहा कि जब टाटा ने टेप में अपनी आवाज होने की बात का खंडन ही नहीं किया तो उनसे आगे के सवाल भी नहीं किए गए। इस सवाल पर कि क्या शीर्ष उद्योगपति ने स्वीकार किया कि उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जोशी ने कहा, टाटा ने यह बात स्वीकार की है कि जिस पत्र के बारे में मीडिया में खबरें आई हैं, वह उन्हीं ने लिखा था। यह पूछने पर कि क्या टाटा ने यह माना कि यह पत्र उन्होंने तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा के बारे में लिखा था, जोशी ने कहा, जो जवाब दिए गए हैं, उनके विवरण पीएसी की रिपोर्ट में होंगे। इस बारे में मीडिया के साथ जानकारी साझा नहीं की जा सकती।

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