शनिवार को श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में छह विकेट से जीत दर्ज करने के बाद महेंद्र सिंह धोनी एंड कंपनी ने जो विश्व कप ट्रॉफी हाथों में उठाई थी, वह नकली थी। एक अंग्रेजी अखबार मेल टुडे का दावा है कि 28 साल के सूखे के बाद धोनी सहित टीम इंडिया ने जिस ट्रॉफी को चूमा, उठाया और करोड़ों प्रशंसकों ने जिसके लिए तालियां बजाईं वह ट्रॉफी नकली थी।
जो ट्रॉफी विजेताओं को दी गई वह महज असली ट्रॉफी की प्रतिकृति थी। विश्व कप के 36 सालों के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। कस्टम अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई महिला के पास से जो ट्रॉफी बरामद की थी, वह असली ट्रॉफी थी। जबकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का कहना है कि भारतीय टीम को सौंपी गई ट्रॉफी असली है। आईसीसी का कहना है कि कस्टम के कब्जे में जो ट्रॉफी है, वह सिर्फ प्रमोशन वगैरह के लिए इस्तेमाल की जाती है और वह असली नहीं है।
जो ट्रॉफी विजेताओं को दी गई वह महज असली ट्रॉफी की प्रतिकृति थी। विश्व कप के 36 सालों के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। कस्टम अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई महिला के पास से जो ट्रॉफी बरामद की थी, वह असली ट्रॉफी थी। जबकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का कहना है कि भारतीय टीम को सौंपी गई ट्रॉफी असली है। आईसीसी का कहना है कि कस्टम के कब्जे में जो ट्रॉफी है, वह सिर्फ प्रमोशन वगैरह के लिए इस्तेमाल की जाती है और वह असली नहीं है।

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