
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को आदेश दिया है कि वह इंदौर के एक शॉपिंग मॉल के निर्माण में कथित अनियमितताओं के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 12 लोगों के खिलाफ़ 30 जून तक आरोप पत्र पेश करे.
यह आदेश स्थानीय निवासी महेश गर्ग की याचिका पर दिया गया, जिनका आरोप है कि शॉपिंग मॉल ‘ट्रेजर आइलैंड’ के मामले की जांच में ईओडब्ल्यू लम्बे समय से ढिलाई बरत रहा है. गर्ग के वकील मनोहर दलाल ने आज संवाददाताओं को बताया, उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति एसके सेठ की पीठ ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में दिग्विजय समेत 12 लोगों के खिलाफ़ निचली अदालत में 30 जून तक आरोप पत्र पेश करने के लिये कल आदेश दिया.
दलाल के मुताबिक अदालत ने ईओडब्ल्यू को यह भी कहा कि वह इस आदेश के परिपालन के संबंध में चार जुलाई से शुरू होने वाले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करे. उन्होंने अपने मुवक्किल की याचिका के हवाले से बताया कि ईओडब्ल्यू ने शॉपिंग मॉल प्रकरण में फ़रवरी 2009 के दौरान मामला दर्ज करने के बाद कथित तौर पर ‘पत्राचार की खानापूरी’ के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया और जांच में गंभीर ढिलाई बरती.
गर्ग ने इस शॉपिंग मॉल के निर्माण के दौरान बरती गयी कथित अनियमितताओं और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से मॉल के संचालकों को अवैध फ़ायदा पहुंचाने की शिकायत ईओडब्ल्यू को की थी.
इस शिकायत पर फ़रवरी 2009 में 12 लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. इनमें दिग्विजय, आवास एवं पर्यावरण विभाग के पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह, मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रप्रभाष शेखर और शॉपिंग मॉल के मालिक मनीष कालानी शामिल हैं.
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