बिहार का सुशासन, विकास और नीतीश का गुणगान बिहार की मीडिया की यही पहचान है क्यूंकि करोड़ों रूपये का सरकारी विज्ञापन नीतीश ने चने के भाव में इन अखबारों को दिया है मगर क्या बिहार की वास्तविकता वही है जो मीडिया प्रचारित कर रही है जिसे नीतीश प्रसारित करवाना चाहते हैं ?
बीते दिनों आपने देखा कि विद्यालय में शिक्षक की नियुक्ति में तमाम भ्रष्टाचार की सीमा पार करके जिसको शिक्षक बहाल किया गया है वे खुद अशिक्षित हैं, मतलब साफ़ कमाई और उगाही के लिए नीतीश बिहार को विकाश नहीं विनाश की और ले जा रहे हैं. और इसके लिए मीडिया का सहारा लेकर भ्रम का जाल फैला कर कोई भी हथकंडा क्यूँ न अपनाना पड़े.
स्कूल में टी सी मांगने और पैसा न देने पर शिक्षक ने छात्र के साथ क्या किया ये वीडियो देखिये, उगाही के लिए सरकारी पदाधिकारी बेख़ौफ़ हैं क्यूंकि जब सैंया (नीतीश) भये कोतवाल तो डर काहे का. अपराधी स व्यवहार करने वाला बिहार का तंत्र बिहार को प्रशासन के नाम पर क्या दे रहा है इसका उदाहरण.
वीडियो साभार :- महुआ टी वी
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